अभिनेता कमल हासन दरअसल अपने राजनितिक जीवन में एक ब्लॉकबस्टर शुरुआत चाहते हैं, दरअसल वो असमंजस में हैं की इसको मसालेदार कैसे बनाया जाये, इसीलिए जब वो कांग्रेस के नेताओं से मिलते हैं तो "GST और नोटबंदी" के खिलाफ बोलते हैं, जब केजरीवाल से मिलते हैं तो "भ्रष्टाचार" के खिलाफ लड़ाई बताते हैं, और अब कम्युनिस्टों से मिले तो उन्हें "हिन्दू आतंकवाद" याद आ गया .... हासन साहब फ़िल्मी किरदार और असल जीवन में फर्क होता है, आप लोगों के लिए एक आइडियल हो, जो आप कहते हो उसका लोगों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष असर होता है, तो अपने थोड़े से राजनितिक फायदे के लिए आप देश, जनता और धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ ना करें। तालमेल बैठा कर बयानबाज़ी करें, राजनीती करो किसने रोका है लेकिन घटिया राजनीति मत करो...
आपको हिन्दू आतंकवाद दीखता है तो दुनिया भर में फैले असल आतंकवाद का क्या धर्म है वो भी बताओ, औकात पता चल जाएगी ....