कल #रामलीला मैदान की रैली में #प्रधानमंत्री #मोदी ने #राजीवगांधी के ताबूत में एक और कील ठोक दी, ये कहकर की 1987 में गांधी परिवार ने देश के तत्कालीन इकलौते विमानवाहक युद्धपोत #आईएनएसविराट को एक टैक्सी की तरह, या यूं कहें कि एक प्राइवेट याच की तरह अपनी पारिवारिक छुट्टियां मनाने के लिए इस्तेमाल किया। सवाल ये उठता है कि देश की सुरक्षा से इतना बड़ा खिलवाड़ क्यों ? इस सबका ज़िम्मेदार कौन ? इसको ऐसे समझो, की राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, उनके साथ #सोनिया गांधी, बच्चे #राहुल और #प्रियंका गांधी, चलो ठीक है, लेकिन साथ मे उनके ससुराल वाले यानी सोनिया गांधी की माँ, उनका भाई और मामा भी, सोने पे सुहागा अपने #अमिताभ बच्चन साहब भी सपरिवार ओर तो ओर भाई अजिताभ की बेटी भी साथ, वही अजिताभ जिसके बंगले के पता राहुल गांधी ने अपने लंदन निवास और बैकऑप्स कंपनी के स्थायी पाते के रूप में दिया हुआ है, और साथ मे थे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई बिजेंद्र सिंह और वो भी परिवार सहित। ये सब हुआ एक द्वीप #बंगाराम पर, जहां आबादी नही है, अब ये समझो।कि आईएनएस विराट अकेला नही चलता, उसके साथ एक बेड़ा होता है जंगीजहाज़ों का, यहां तक कि एक पनडुब्बी भी साथ होती है, अब ये द्वीप सुनसान था तो 10 दिन रहने का प्रबंध जल सेना ने #लक्षद्वीप सरकार के साथ मिल कर किया, संसाधन नही थे तो हर छोटी बडी चीज़ के लिए हैलीकॉप्टर लगाए गए, क्या इस परोक्ष लूट की कल्पना की जा सकती है ? करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा दिए गए, क्या यही वो सर्जिकल स्ट्राइक है जिनका #कांग्रेस अक्सर जिक्र करती है, की राजीव गांधी अपने लाव लश्कर, और इटालियन योद्धाओं के साथ युद्धपोत लेकर मछलियां पकड़ने गए थे। वैसे ये केवल राजीव गांधी के समय ही नही बल्कि #नेहरू के समय भी ऐसा ही था, वो भी राजीव, संजय और इंदिरा के साथ ऐसे ही छुट्टियों पर जाते थे, परंपरा कहो या फिर कांग्रेसियो की बाप की जागीर, ये देश ऐसे ही चला है...