23 अप्रैल, 2019

IPL का बुखार

मुश्किलें कुछ इस कदर ठहर गयी है जिंदगी में जैसे अजिंक्य रहाणे और स्टीव स्मिथ की कल की पार्टनरशिप... खुशियाँ है की रोहित शर्मा का टैलेंट हो गयी, ज़माने बीते पर मिली ही नहीं.. गम चारो तरफ से यूं उमड़ते है जैसे डी विलियर्स की बैटिंग का वैगन व्हील.. तनख्वा आती है द्रविड़ की स्ट्राइक रेट की तरह, जाती है क्रिस गेल की तरह.. दोस्त यार तो गंभीर और धोनी हो गए.. जिनके जाने का न गम रहा, न आने का इंतज़ार.. एक पुरानी मोहब्बत थी गांगुली दादा की कवर ड्राइव सी खूबसूरत, जाते जाते उसका हश्र भी कुछ युवराज के पुल शॉट सा हो गया.. कभी हुआ करते थे हम भी शिखर धवन की मूछ जैसे, आज तबियत ऐसी झुकी है जैसे अज़हरुद्दीन की कमर.. बस जिए जा रहे है रविंद्र जडेजा की स्पिन जैसे, न कोई क्लास, न वैरायटी, न घुमाव.. सीढ़ी सपाट बेफिजूल.. और ऊपर से आकाश चोपड़ा जैसे ये रिश्तेदार जब पूछ लेते है जिंदगी में क्या चल रहा है है तो जी करता है किसी दिन खोल के बोतल पूछ लू की उनके स्टुअर्ट बिन्नी ने क्या उखाड़ लिया.. पर मेरी माँ की बुमराह सी डायलाग डिलीवरी का ख़याल मुझे वैसे ही बेबस कर देता है जैसे आईपीएल में रॉयल चैलेंजर बंगलोर और विराट कोहली.....