19 दिसंबर, 2012

Delhi, The RAPE Capital of India

Delhi the capital city of India, is not a safer place to live specially for women and children of young age, we are not at all safe here, hundreds of small children are kidnapped, women are raped, senior citizens are murdered, and after all this delhi is going to be a city of international standards. no security at all, only some quick reactions by political parties whose every single NETA is using a bunch of commandos for himself. they themselves live in fear then how can they ensure safety of the citizens.
A medical student was waiting for a bus with her friend at a bus stop and a bus stopped near her. The bus driver ram singh went out with his 6 friends ( 2 rkp sabzee wale + all bihari ) the girl and the guy was called by the driver and were given proper tickets ( the bus was a school bus with black curtains .. Not permitted for transport use ) the girl was 23 a very good student and wanted to reach dwarka mor.
After they got in , the guys hit a rod on the guys's head and threw him out , then raped the girl one by one which was moving continuously in the posh areas of delhi and ncr.
After raping her badly , one of them inserted a very long rod in her vagina which almost killed her and threw her out and ran away.

She was lying in the middle of the rod hurt and nude.. Not even single person helped her or covered her for an hour.
When police came in no one helped them pick her up. They were just not interested at all.

The girl's vagina + small and large intestine is totally damaged and she cannot live a married or normal life. Doctor said " main bayan nahi kar sakta ki ussne kya kya zheela hai ... Bolte hue muzhe dard hota hai ". She has gone in coma 5 times from 16th dec. She is unconscious , critical and is not stop crying. The ribs are damaged as well.

That's the whole story
And that's what delhi people are.
And her only fault was that she took a wrong bus

You have sisters , mothers , daughters and soo many females at home.
Please don't sit and relax
Its not that small deal ... Its bout your families safety..

These bloody creeps should be hanged at once with the help of fast track courts...




16 दिसंबर, 2012

कैसे बनवाएं वोटर आई-कार्ड


कैसे बनवाएं वोटर आई-कार्ड
हमारे मुल्क में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वोट डालने के हकदार हैं। लेकिन कई लोग इस वजह से इस हक से वंचित रह जाते हैं कि उन्हें वोटर आई-कार्ड बनवाने का काम झंझट भरा लगता है।

क्यों जरूरी है वोटर आई-कार्ड
वोटर आई-कार्ड एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसका इस्तेमाल न सिर्फ वोट डालने के लिए, बल्कि दूसरे कामों में भी पहचान बताने के लिए भी किया जाता है, मिसाल के लिए बैंक में अकाउंट खुलवाना, मोबाइल का प्रीपेड या पोस्टपेड कनेक्शन लेना, कार फाइनैंस कराना आदि।

वोटर आई-कार्ड बनाने के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है।

कौन बनवा सकता है

जो भारत का नागरिक हो।
जिसकी उम्र 01 जनवरी 2013 को 18 साल या ज्यादा हो जाए।
जो दिवालिया या पागल घोषित न हो।

किस काम के लिए कौन-सा फॉर्म

फॉर्म-6: वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने और वोटर आई-कार्ड बनवाने के लिए।
फॉर्म-7: वोटर लिस्ट से नाम कटवाने या किसी शिकायत के लिए।
फॉर्म-8: बने हुए वोटर कार्ड में संशोधन के लिए।
फॉर्म-8ए: एक विधानसभा क्षेत्र के अंदर मकान बदलने पर नए पते पर वोटर कार्ड बनवाने के लिए।
फॉर्म-6ए: एनआरआई के लिए।
नोट: अगर आप एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे में मकान बदलते हैं तो आपको एड्रेस बदलवाने के लिए फॉर्म 6 भरना होता है।

ये भी जरूरी

फॉर्म-6 का कॉलम नंबर-4 भरना जरूरी है। इसमें अप्लाई करने वाले को अपना पिछला अड्रेस बताना होगा।
अप्लाई करनेवाले को यह भी बताना होगा कि पहले से उसका कोई वोटर कार्ड बना हुआ है या नहीं।
18 से 21 साल तक के वोटर को फॉर्म भरते वक्त अपनी उम्र का भी प्रूफ देना होगा।
21 साल से ज्यादा उम्र वालों को एज प्रूफ देने की जरूरत नहीं।

कौन-से कागजात जरूरी

हाल में खींची गई दो कलर फोटो
एज प्रूफ
अड्रेस प्रूफ

अड्रेस प्रूफ में क्या

नैशनलाइज्ड बैंक या पोस्ट ऑफिस की करंट पास बुक।
राशन कार्ड/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस/इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर/पानी/बिजली/टेलिफोन/ गैस कनेक्शन का बिल, जिसमें आपके घर का अड्रेस हो। यह बिल या तो ऐप्लिकेंट के नाम से या फिर उसके पैरंट्स के नाम से होना चाहिए।
नोट: अगर अड्रेस प्रूफ के तौर पर राशन कार्ड पेश किया जाए, तो उसके अलावा ऊपर दिए गए दूसरे दस्तावेजों में से एक और प्रूफ भी जमा करना होगा।
दिल्ली के अलावा एनसीआर के बाकी जिलों में समरी रिविजन का काम चलने की वजह से फिलहाल फॉर्म-6 जमा नहीं किए जा रहे हैं। यह काम 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद इलेक्शन कमिशन के आदेश के मुताबिक वोटर आई-कार्ड बनवाने के लिए नई तारीखों की घोषणा होगी।

एज प्रूफ में क्या

म्युनिसिपल ऑफिस या रजिस्ट्रार ऑफ बर्थ्स ऐंड डेथ्स के जिला ऑफिस से जारी बर्थ सर्टिफिकेट या 10वीं का सर्टिफिकेट, जिस पर उम्र दर्ज हो।
अगर इनमें से कोई दस्तावेज न हो तो पहले से वोटर लिस्ट में शामिल माता या पिता में से कोई एक अपने साइन के साथ उम्र का डिक्लेरेशन दे सकते हैं। यह डिक्लेरेशन एक निश्चित फॉर्मेट में होता है, जिसे फॉर्म के साथ हासिल किया जा सकता है।

25 साल से ज्यादा हैं तो

इलेक्शन कमिशन का मानना है कि 25 साल से ज्यादा उम्र के लोग आमतौर पर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करा लेते हैं, इसलिए अगर आप पहली बार वोटर लिस्ट में नाम शामिल करा रहे हैं और आपकी उम्र 25 साल या उससे ज्यादा है तो आपको अलग-से एक एफिडेविट जमा करना होगा, जिसमें लिखा होगा कि पूरे देश में आपका नाम कहीं भी वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है।

साथ रखें ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट

जरूरी किसी भी डॉक्यूमेंट को अटेस्ट कराने की जरूरत नहीं, अलबत्ता फॉर्म जमा करते समय उनकी ऑरिजिनल कॉपी साथ रखें।
फॉर्म में दिए गए पते पर अगर आपसे मुलाकात न हो तो बीएलओ तीन बार तक आते हैं।
डिक्लेरेशन में अपने साइन के नीचे मोबाइल नंबर भी दे देना ठीक रहता है ताकि जरूरत पड़ने पर बीएलओ आपसे संपर्क कर सकें।

गलती सुधारने के लिए

कई बार वोटर लिस्ट या वोटर आई-कार्ड में नाम, पिता का नाम, एज, या अड्रेस गलत प्रिंट हो जाता है।
ज्यादातर केस में अगर वोटर लिस्ट में कुछ गड़बड़ी है तो स्वभाविक रूप से वोटर आई कार्ड में भी गड़बड़ी हो जाती है। इसे चेंज कराने के लिए फॉर्म-8 भरना होता है।
इसमें फोटो लगाने की जरूरत नहीं होती।
फॉर्म-8ए भरते वक्त अड्रेस प्रूफ के तौर पर किराए का मकान हो तो रेंट अग्रीमेंट जमा करना होगा और अगर आपने मकान खरीदा है तो सेल डीड की कॉपी लगानी होगी।

कब भरा जाएगा फॉर्म-6
इलेक्शन ऑफिस वक्त-वक्त पर इलेक्टोरल रोल में नाम डलवाने के लिए रिवीजन प्रोग्राम का ऐलान करता रहता है।इस रिवीजन प्रोग्राम के दौरान इलेक्टोरल रोल के ड्राफ्ट पब्लिकेशन के बाद ही ऐप्लिकेशन फॉर्म भरा जाएगा।इलेक्टोरल रोल के रिवीजन का प्रोग्राम क्षेत्र के अखबारों और दूसरे जरियों से प्रचारित किया जाता है।
वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए फॉर्म-6 साल में किसी भी वक्त भरा जा सकता है। लेकिन रिवीजन प्रोग्राम के अलावा नाम शामिल करने के लिए ड्यूप्लिकेट फॉर्म ही भरा जाएगा।रिवीजन प्रोग्राम के दौरान फॉर्म भरने के लिए अस्थाई तौर पर कई सेंटर बनाए जाते हैं, जो आम तौर पर पोलिंग स्टेशनों पर होते हैं।
रिवीजन प्रोग्राम के अलावा फॉर्म केवल इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिस में ही भरे जाएंगे।

फॉर्म-6 भरने में होने वाली गलतियां
लोग अक्सर डिक्लेरेशन वाला कॉलम भरना छोड़ देते हैं। ऐसा होने पर फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है।
फॉर्म भरने वाले के लिए अपना साइन करना जरूरी है, नहीं तो फॉर्म नामंजूर कर दिया जाता है।

दिल्ली

कैसे करें ऑनलाइन अप्लाई

दिल्ली इलेक्शन ऑफिस की वेबसाइट
 ceodelhi.gov.in पर राइट साइड में Enrol Online पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरा जा सकता है।
यहां अप्लाई करने से आपको वोटर आई-कार्ड 25 जनवरी के बाद मिल जाएगा।
यहां क्लिक करने के बाद आपको न्यू यूजर के तौर पर साइन अप करना होगा। इसके लिए राइट में नीचे
 New User! Sign Up! पर क्लिक करें।
फॉर्म के साथ आपको अपनी लेटेस्ट फोटो स्कैन करके अटैच करनी होगी।
इसके बाद अड्रेस प्रूफ और एज प्रूफ स्कैन कर लगाएं। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो ये दोनों दस्तावेज लेने बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) आपके घर आ जाएंगे।
यहीं वह आपसे फॉर्म पर साइन पर कराकर ले जाएंगे। इससे यह साबित होगा कि फलां वोटर यहां रहता है।
आप
 ceodelhi.gov.in राइट साइड में Enrol Online के नीचे Know your Booth Level Officer (BLO) पर क्लिक कर अपने इलाके के बीएलओ को जान सकते हैं।

कैसे करें ऑफलाइन अप्लाई
- 15 जनवरी के बाद अलग-अलग इलाकों में फॉर्म मिलने शुरू होंगे, जहां ऐप्लिकेशन दिया जा सकता है।
- इनके बारे में अखबारों में विज्ञापन दिए जाएंगे, जिनमें फॉर्म मिलने के सेंटरों की भी जानकारी दी जाएगी।
- फॉर्म पर अपनी हाल में खींची गई एक कलर फोटो लगानी होगी।
- साथ ही ऊपर बताए बाकी जरूरी दस्तावेज भी जमा कराने होंगे।
नोट: अड्रेस प्रूफ में अगर पहले दिए गए दस्तावेजों में से कोई नहीं हो, तो 50 पैसे का पोस्ट-कार्ड अपने पते पर खुद ही पोस्ट कर लीजिए। आपको मिलने के बाद वह अड्रेस प्रूफ का काम करेगा।

हेल्पलाइन
वोटर आई-कार्ड से जुड़ी किसी भी जानकारी या शिकायत दर्ज कराने के लिए कॉल करें: 1800110600 (टोल फ्री) या 011-29949365 पर। यह नंबर हफ्ते के सातों दिन सुबह 9 से शाम 6 बजे तक काम करता है।

कब और कहां से मिलेगा

- करीब एक महीने में आपका वोटर कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा।
- वोटर कार्ड लेने के लिए आपको अपने इलाके के वोटर सेंटर में जाना होगा। अपने इलाके के असिस्टेंट इलेक्शन रजिस्ट्रेशन अफसर (वोटर सेंटर का इंचार्ज) का नाम, फोन नंबर और वोटर सेंटर का पूरा पता आप
ceodelhi.gov.in में Know your Voters' Centre पर क्लिक कर जान सकते हैं।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा

कहां करें अप्लाई

वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए आपको अपने इलाके की तहसीलों (पते के लिए नीचे 'शिकायत कहां करें?' देखें) में जाना होगा।
नोएडा के लोग दादरी तहसील के अलावा नोएडा सेक्टर 19 स्थित सिटी मैजिस्ट्रेट के ऑफिस भी जा सकते हैं।
तहसील/सिटी मैजिस्ट्रेट ऑफिस में बूथ लेवल अफसर आपको फॉर्म फॉर्म-6 देगा।
वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए और वोटर आई कार्ड बनाने के लिए सिर्फ फार्म-6 भरने की जरूरत है।
इसमें सिर्फ एक कलर फोटो की जरूरत है।
इसे अड्रेस प्रूफ और एज प्रूफ लगाकर बीएलओ के पास जमा कराना होगा। अड्रेस प्रूफ के तौर पर दूसरे दस्तावेजों के अलावा किराए के मकान में रहने वाले लोग रेंट अग्रीमेंट की कॉपी भी लगा सकते हैं।
बीएलओ उस अड्रेस पर आपके मिलने पर उस अड्रेस को वैरिफाई कर देंगे।

कहां करें शिकायत

अगर आपका वोटर आई-कार्ड नहीं बनता है तो फॉर्म जमा करने के वक्त जो रसीद दी गई है, उसे लेकर अपने तहसील के एसडीएम से शिकायत कर सकते हैं।
नोएडा: जी. टी. रोड तिराहे से 200 मीटर की दूरी पर गाजियाबाद की तरफ दादरी तहसील में एसडीएम ऑफिस।
फोन नंबर: 0120-2662009
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर के कलेक्ट्रेट स्थित सदर तहसील।
फोन नंबर: 0120-2560044
जेवर: एसडीएम ऑफिस, झाझर रोड, सिंकदराबाद बस अड्डे के निकट, जेवर।
फोन नंबर: 05738-272620

टाइमिंग

सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9 से शाम 5 बजे तक, कोई लंच टाइम नहीं। छुट्टी: रविवार, दूसरा शनिवार। एसडीएम का आम जनता से मिलने का टाइम: सुबह 10-12 बजे।

कहां से मिलेगा

- वोटर आई-कार्ड बनने के बाद बूथ लेवल अफसर इसे आपके घर तक पहुंचाएंगे।

गाजियाबाद

आप अपना नाम लिस्ट में डलवाने के लिए इन जगहों से या बीएलओ से फॉर्म-6 ले सकते हैं:
गाजियाबाद तहसील, गांधीनगर, निकट जीटी रोड, फोन नंबर : 0120-2713909
मोदीनगर तहसील, दिल्ली- मेरठ हाइवे, गोविंदपुरी, फोन नंबर : 95363-87027
चुनाव कार्यालय, गाजियाबाद कलेक्ट्रेट, राजनगर डिस्ट्रिक्ट, सेंटर सेकेंड फ्लोर, कमरा नं. 309, फोन नंबर : 0120-2827016
वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करने के लिए गाजियाबाद में ऑनलाइन की व्यवस्था अभी शुरू नहीं की गई है। लोगों को फॉर्म 6 भरकर ही देना पड़ेगा।

टाइमिंग

सोमवार से शनिवार, सुबह 9 से शाम 4 बजे तक। लंच: 1:30-2 बजे तक। छुट्टी: रविवार व सरकारी छुट्टियां।
फॉर्म भरकर दो पासपोर्ट साइज फोटो, अड्रेस प्रूफ और एज प्रूफ के साथ आपको यहीं जमा कराना होगा।

कहां से मिलेगा

बीएलओ वोटर आई-कार्ड आपके घर तक पहुंचाएगा।

कहां करें शिकायत

अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं होता तो आप बीएलओ, तहसीलदार और जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी से लेकर उप जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी से बात कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए अथॉराइज्ड अफसर जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी (चुनाव कार्यालय, गाजियाबाद कलक्ट्रेट) ही हैं और किसी के पास भी की गई शिकायत आखिरकार उन्हीं की टेबल पर आएगी।

अगर वोटर लिस्ट में आपका नाम है लेकिन वोटर आई-कार्ड आप तक नहीं पहुंचा है तो आप ऊपर लिखे अधिकारियों में से किसी के पास सादे कागज पर अर्जी दायर कर सकते हैं। उस अर्जी पर ही इलेक्शन डिपार्टमेंट आपका वोटर आई-कार्ड बनवाकर आप तक पहुंचाएगा।
इन अधिकारियों के अलावा आप शिकायत दर्ज कराने के लिए इलेक्शन ऑफिस के ऊपर दिए गए फोन नंबरों का इस्तेमाल हेल्पलाइन नंबर के तौर पर भी कर सकते हैं।

गुड़गांव

वोटर आई-कार्ड बनवाने के लिए मिनी सचिवालय स्थित डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिस या बीएलओ को फॉर्म-6 भरकर देना होगा।
वोटर आई-कार्ड बनाने के लिए अभी ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है।
सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक, लंच टाइम: 1:30 से 2 बजे तक, छुट्टी: रविवार और शनिवार।
फोन नंबर: 0124-2224047
वोटर आई-कार्ड फॉर्म
 www.eci.net.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
अड्रेस प्रूफ के तौर पर दूसरे दस्तावेजों के अलावा किराए के मकान में रहने वाले लोग रेंट अग्रीमेंट की कॉपी भी लगा सकते हैं। बीएलओ उस अड्रेस पर जाकर आपके मिलने पर उस अड्रेस को वैरिफाई कर देंगे।

कहां से मिलेगा

फॉर्म भरने के एक से डेढ़ महीने तक वोटर आई-कार्ड बनकर इलेक्शन ऑफिस में आ जाता है। यहीं से इसे हासिल किया जा सकता है। वोटर आई-कार्ड सीधे वोटर को ही मिलेगा और पोस्ट से इसे हासिल नहीं किया जा सकता। हाल में 01 अक्टूबर से 20 नवंबर तक चले विशेष अभियान के तहत जिन 45,364 वोटरों ने फॉर्म भरे थे, उन्हें उनका कार्ड 25 जनवरी से 3-4 दिन तक जिले के सभी 860 बूथों पर बांटा जाएगा।
अगर तय वक्त में वोटर आई-कार्ड बनकर न आए तो इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी (मिनी सचिवालय स्थित डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिस) और राज्य निर्वाचन आयुक्त से की जा सकती है।

फरीदाबाद

वोटर आई-कार्ड बनाने के लिए इलेक्शन ऑफिस से फॉर्म-6 लेना होगा। इलेक्शन ऑफिस का पता है: इलेक्शन ऑफिस, लघु सचिवालय, सेक्टर-12, फर्स्ट फ्लोर, कमरा नंबर-112/113
चुनाव तहसीलदार के ऑफिस का नंबर है: 0129-2227910
सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक, लंच: दोपहर 1:30 से 2 बजे तक। छुट्टी: शनिवार व रविवार।
फॉर्म-6 भरकर, साथ में अपने दो लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो (एक फॉर्म के लिए और एक अतिरिक्त) और अड्रेस व एज प्रूफ लगाकर यहीं जमा करना होगा।

नोट: अड्रेस प्रूफ में अगर पहले दिए गए दस्तावेजों में से कोई न हो, तो 50 पैसे का पोस्ट-कार्ड अपने पते पर खुद ही पोस्ट कर लीजिए। आपको मिलने के बाद वह अड्रेस प्रूफ का काम करेगा।
अपना कार्ड आप इलेक्शन ऑफिस से ले सकते हैं। कई बार इलेक्शन ऑफिस के बूथ लेवल ऑफिसर भी वोटर आई-कार्ड वोटरों तक पहुंचाते हैं।
अगर समय पर वोटर आई-कार्ड नहीं मिलता तो चुनाव तहसीलदार या जिला निर्वाचन अधिकारी यानी डीसी से शिकायत की जा सकती है। डीसी ऑफिस का फोन नंबर: 0129-2226604 / 2227936

कुछ सवाल-जवाब

मैंने फॉर्म-6 पोस्ट से भेजा है। अब आगे क्या प्रक्रिया होगी?
आपके इलाके का बूथ लेवल अफसर आपके दिए गए पते पर आएगा और इन बातों की जांच करेगा कि आप सचमुच उस अड्रेस पर रहते हैं, जो आपने फॉर्म 6 में लिखा है कि आप वही शख्स हैं, जिसका फोटो फॉर्म-6 पर लगा है।
मेरा नाम वोटर लिस्ट में शामिल है। मैं इलेक्टोरल रोल में अपने डिटेल्स कैसे चेक कर सकता हूं?
वेबसाइट
 www.ceodelhi.gov.in पर Check Your Name in the Voters' List को क्लिक कर आप अपने डिटेल्स चेक कर सकते हैं।
मेरी हाल ही में शादी हुई है। मैं अपनी पत्नी का नाम अपने पते पर कैसे जुड़वा सकता हूं?
यह इन बातों पर निर्भर करेगा:
1. अगर वह पहली बार अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा रही हैं, तो उन्हें फॉर्म-6 भरना होगा। इससे पहले दूसरे विधानसभा क्षेत्र से उनका नाम कटवाना होगा।
2. अगर उनका नाम इससे पहले किसी और विधानसभा क्षेत्र में था, तो उन्हें एड्रेस में बदलाव के लिए फॉर्म-6 भरना होगा।
3. अगर उनका नाम इससे पहले उसी विधानसभा क्षेत्र में किसी और अड्रेस पर था, तो उन्हें फॉर्म-8ए भरना होगा।
4. अड्रेस प्रूफ के तौर पर वह मैरिज सर्टिफिकेट या शादी के कार्ड की कॉपी दे सकती हैं।
मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट के तौर पर दाखिला लिया है। इससे पहले मैं कर्नाटक में रहता था। अभी मैं यहां ग्रीन पार्क में एक पेईंग गेस्ट के तौर पर रह रहा हूं। क्या मैं दिल्ली के वोटर लिस्ट अपना नाम डलवा सकता हूं?
हां, बिलकुल। अगर आप किसी और विधानसभा क्षेत्र के वोटर के तौर पर एनरोल नहीं हैं, तो आप फॉर्म-6 भरकर अपना नाम यहां के वोटर लिस्ट में डलवा सकते हैं। अड्रेस प्रूफ के तौर पर आप डिक्लेरेशन जमा कर सकते हैं, जिस पर हॉस्टल इनचार्ज/प्रिंसिपल/रजिस्ट्रार/डायरेक्टर/डीन में से किसी के भी साइन होने चाहिए।

21 नवंबर, 2012

Kasab hanged but some questions are still unanswered..

Today the first news i got in the morning was that all of a sudden Amir Ajmal Kasab, the terrorist behind the 26/11 mumbai attacks was finally hanged to death, but sometimes i feel very pity that why? why these few so called politicians think us so fool and they can manipulate all the things around in such a way that we people dont have any choice just to accept what has been told to us. do u think that Kasab has been hanged? its the similer kind of story that has been created for Osama Bin Laden, the american navy seals attacked him killed him and even burried him in the deep blue sea with in hours who was abducting from years, with out even making any confirmation about the authanticity of him being osama who actually died years back due to high blood sugar some where in tora bora hills in afganistan.
now the question is that how and when the president of india cancelled his petition? how and when the orders reached to aurther road jail? how and when he was transferred to yarvada jail? and how and when he was hanged? did the doctors had any post mortom on him? or will they release the truth behind his death? or now who will take the credit of hanging him?
these answers are untold and will remain like this only as media could be bias with this issue and nobody is going to disclose the truth behind all this.
another question asked today was now when will Afzal Guru be hanged now? the answer is similer... lets wait n watch him to suffer and die with dengue then the government will them self declare sometime that he too was hanged and i must say that, that mosquito must be awarded a bravery award for doing such a brave and patriotic act...

09 नवंबर, 2012

Deepawali ki Hardik Shubhkaamnayain

Diwali marks the end of the harvest season in most of India. Farmers are thankful for the plentiful bounty of the year gone by, and pray for a good harvest for the year to come. Traditionally this marked the closing of accounts for businesses dependent on the agrarian cycle, and the last major celebration before winter. The deity of Lakshmi symbolizes wealth and prosperity, and her blessings are invoked for a good year ahead. There are two legends that associate the worship of Goddess Lakshmi on this day. According to first one, on this day, Goddess Lakshmi emerged from Kshira Sagar, the Ocean of Milk, during the great churning of the oceans, Samudra manthan. The second legend(more popular in western India) relates to the Vamana avatar of Vishnu, the incarnation he took to kill the demon king Bali, thereafter it was on this day, that Vishnu came back to his abode, the Vaikuntha, so those who worship Lakshmi (Vishnu's consort) on this day, get the benefit of her benevolent mood, and are blessed with mental, physical and material well-being. As per spiritual references, on this day "Lakshmi-panchayatan" enters the Universe. Sri Vishnu, Sri Indra, Sri Kuber, Sri Gajendra and Sri Lakshmi are elements of this "panchayatan" (a group of five). and the most common of all is that Bhagwaan Shree Ram along with Sita and Lakshman came back to ayodhya after completing their 14 years long vanvaas and killing ravan and people celebrate the coming back of their king with lights and crackers. 
So, everybody has their own stories about the festivals and their celebrations but to me enjoy everyday as a festival and bring peace and harmony in the life of others as well your own. Keep smiling and enjoying the festival season and share and spread love and smiles..
Shubh Deepawali to all of you.

20 सितंबर, 2012

आज भारत बंद है

पता नहीं क्यूँ कुछ लोग, लोगों के लिए भारत बंद करते हैं? इस भारत बंद से किन लोगों को फायदा होता है यही समझ नहीं आता। आम आदमी तो दोनों तरफ से मरता और दबता ही है सरकार की नीतियों से भी और उसका विरोध करने वालों से भी।इस महंगाई का दर्द वो नेता क्या जाने जो सरकारी खर्चे पर पलता हो। जो ये ही नहीं जानता की महीने का राशन क्या होता है और कैसे खरीदा जाता है। एक सिलेंडर लेने के लिए कैसे घंटो चक्कर लगाने पड़ते हैं, शौक मैं खरीदी गयी गाडी भी खडी हुई एक नासूर की तरह चुभती है, जब महीने के 10000 कमाने वाला भी ये सोचते हुए रो पड़ता है की इस बार किस चीज़ मैं कटोती करूं बच्चे की पढाई से समझोता करूँ या माँ बाप की दवा से या फिर खाने से, महीने का दूध कम कर दूं , इस बार त्यौहार पर क्या करूँगा, कैसे बच्चों को समझाऊंगा, इतने पैसों मैं बिजली पानी का बिल भी भरना है, स्कूल की फीस भी देनी है, और अगर घर अपना नहीं है तो फिर तो किराया भी देना है। क्या ये भारत बंद से  ये सभी मुश्किलें हल हो जाएंगी? और उसका क्या जिसने रोज़ ही कमा कर खाना है जो मजदूरी करता है और फिर अपना और अपने परिवार का पेट  पालता है, सड़क पर हमारे फैंके हुए कागज़ चुगने वाले उस बच्चे का भारत बंद से क्या फायदा हाँ शायद वो धरने के बाद वहाँ पडे कागज़ बेनर समेत कर अपना गुज़ारा चला ले मगर उस बीमार का क्या जो आज समय पर हॉस्पिटल न पहुँच पाने की वजह से सड़क पर दम तोड़ देगा। उस नुक्सान का क्या जो किसी नेता के कहने पर उसके चमचे सरकारी अमले पर हमला करके तोड़फोड़ देंगे, रेल गाड़ियां रोक दी जाएंगी, बसें तोड़ी जाएंगी, दुकाने लूट ली जाएंगी, और आम आदमी से मारपीट की जाएगी।
ये वो आम आदमी ही है जो इस सबको भुगतेगा। सरकारी तंत्र की मार को भी और उसके विरोधियों को भी। ये आम आदमी तो उस खिलोने की तरह है जिसको हर कोई अपने लिए चाबी भरकर उससे खेलता है और काम होने पर उसे ही तोड़ देता है। ये वो टुटा हुआ आम आदमी ही है जो रोज़ मर रहा है। लाखों करोडो के घोटाले करने वाली सरकार सिर्फ चंद रुपयों की सब्सिडी के नाम पर आम आदमी को अपने पैरों के  नीचे  दबा कर मार रही है। दूसरी तरफ सरकार अपने सरकारी करमचारियों को महंगाई भत्ता भी बढ़ा रही है यानी अब एक आम आदमी और एक आम सरकारी आदमी मैं भी फर्क होगा। एक 30000 रूपए महीने कमाने वाले नेता के पास 30 हज़ार करोड़ की संपत्ति है लेकिन वो फिर भी सभी सरकारी सुख सुविधाओं पर ऐश करता है और एक आम आदमी ऐश के नाम पर 10 रूपए के गोल गप्पे भी नहीं खा सकता। सरकार उन 4 करोड़ विस्थापित पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को तो सुविधाएँ दे सकती हैं लेकिन अपने देशवासियों का गला घोंट कर। चलो छोडो ये सब मैं भी क्या लेकर बैठ गया आज तो भारत बंद है और मैं ये सब लिख रहा हूँ किसी नेता को पता चल गया तो जबरदस्ती पकडवा देगा की बंद के दोरान मैने ये लेख कैसे लिखा। और यहाँ नेताओं की ही सुनवाई होती है हम तो आम आदमी हैं हमारा क्या है ...