13 अक्तूबर, 2011

भगवान् के नाम पर .....

बड़ा ही अजीब सा लोकतंत्र है हमारा देश भी, हम इस देश के संविधान के अनुसार और इस देश के नागरिक होने के अनुसार अधिकार तो सभी पाते हैं परन्तु उन्हे कब और कैसे इस्तमाल करना है वो नहीं जानते, अब आज ही
 का वाक्य ले लो, एक वकील साहब हैं प्रशांत भूषण जी वो कहते हैं की कश्मीर को पाकिस्तान को दे दो या जो भी वो कहते हैं वो उनकी अपनी एक राय है पर अब कुछ लोग और भी हैं जो इस देश और इस देश के सविधान और क़ानून से भी बढ़ कर हैं और जो अपने आप निर्णय करते हैं की क्या और कोन सही है और क्या और कोन गलत. कुछ लोग उनमे से राम सेना वाले हैं तो कोई श्याम सेना वाले, कोई भगत सिंह सेना के हैं और कोई बजरंग दल  के और भी अनेक दल बल हैं क्यूंकि न तो हमारे देश मैं भगवान् की कमी है और न ही  शहीदों  की और न हे उनके नाम पर बनने वाले दलों की, अब एक ऐसे हे दल के कुछ सैनिकों ने उन वकील साहब पर इसी बात को लेकर हमला कर दिया और कर दी सारे आम उनकी पिटाई, कहते हैं की भगत सिंह ने उन्हे ये सिखाया है, उनसे पूछो की क्या कभी भगत सिंह ने गाँधी जी पर हमला किया था? उनका भी तो विचारों का मतभेद था या भगत सिंह ने ये सोचा था की उनके नाम पर कुछ लोग बदमाशी भी करंगे और उनके नाम पर भी दाग लगा देंगे, आम लोगों से मार पिटाई करना, लड़कियों से बदतमीजी करना, तोड़फोड़ करना ये सब हमारे क्रांतिकारियों ने और हमारे देवताओं ने ही सिखाया है क्या ??
अगर राम सेना बनानी है तो उनके आदर्शों को समझो और उन पर चलो पहले खुद मर्यादा मैं रहो और फिर दूसरों को सिखाओ, अगर भगत सिंह की सेना बनानी है तो पहले क्रांति के मतलब को समझो और बदलाव को समझो फिर उस क्रांति की मशाल को लोगों के दिलों मैं जलाओ पर भगवान् के लिए उन्हे और उनके आदर्शों को बदनाम मत करो, वैसे तो ये राजनीति भी बड़ी ही गन्दी चीज़ है क्यूंकि ये अपने स्वार्थ के लिए उन शहीदों और भगवान् तक का सौदा कर डालती है, 
ये सब जो छोटे मोटे दल रोज़ कुकुरमुत्ते की तरह उग जाते हैं ये उगते तो उन बडे राजनीतिक दलों की खोकली और गल चुकी लकड़ी पर ही हैं ना जो खुद उन्हे अपनी शाखाओं पर अपने आप पालती हैं और किसी किसी मैं तो इतना ज़हर भर देती हैं की वो एक सांप से भी जयादा ज़हरीली हो जाते हैं, 
एक आम आदमी जिंदगी जीने की जद्दोजेहद में रोज़ संघर्ष करता है, वो भूल चूका है अपने अधिकारों की लड़ाई, अपने हक की लड़ाई, बस वो तो जिंदगी से ही लड़ता है और उसी भगवान् से रोज़ प्रार्थना करता है जीवन में बदलाव की जो भगवान् अपने नाम पर होने वाले अत्याचार और अत्याचारियों का कुछ नहीं बिगाड़ पाता, वो इंसान कोसता है उन क्रांतिकारियों को की इस देश को आज़ाद क्यूँ करवाया जिस देश को विदेशियों से जयादा अपनों ने गुलाम बना रखा है पर वो लाचार है ......
अब ज़रा सोचें अगर आप लोग भी किसी ऐसे ही  दल से जुडे हैं तो आप भी धोका दे रहे हैं, अपने आप को , अपने भगवान् को और अपने देश के उन शहीदों और क्रांतिकारियों को और शायद अपनी आने वाली नस्ल को भी ..
ज़रा सोच कर देखें और अपने आप से कुछ सवाल करैं और अपने आप से ही  उनका जवाब भी मांग कर देखें की आप स्वम को क्या जवाब देते हैं....
बस अब कुछ नहीं लिखना...
मन भर गया आज...