16 जून, 2017

आओ चलो भीगें

बारिशों का मौसम है, नाव बनाओ और निकल पदों खुद को ढूंढ़ने, किसने रोका है... थोड़ा सा भीगने का मज़ा लो, हिचकोले खाने दो ज़िंदगी को... बारिशों के मज़े भी लेना चाहते हो तो छाता लेकर क्यूँ निकलते हो... कुछ बूंदे गिरेंगी भी तो ये मिटटी की काया गाल नहीं जाएगी, ब्रांडेड कपड़ो की कीमत काम नहीं हो जाएगी ... कूदो पानी में छपाक ... छींक आएगी तो घर पर एक कप अदरक और तुलसी की चाय पी लेना ... क्यों चिंता करते हो ....मौज लो ना ....