कश्मीर में CRPF पर आतंकी हमला हुआ तो एक मित्र ने कहा कि अब तो पाकिस्तान से लड़ाई छिड ही जानी चाहिये.... मेने कहा कि दाल फ्राई और पनीर पसंदा खाने वाले युद्ध नही लडा करते भाई.. दाल तेल प्याज और टमाटर महँगा हो जाने पर विरोध करने वाले लोग युद्ध नहीं लड़ सकते बल्कि युद्ध वो लडते है जो बर्फ से ढके पहाड़, बंजर घाटियां, वीरान रेगिस्तान की भी हर एक इंच ज़मीन को अपनी माँ समझते हैं.... वो परिवार जो अपना इकलौता बेटा शहीद होने पर गर्व महसूस करते हैं, एक बेटा शहीद होने पर भी अपने पोते को फौजी बनाने का सपना देखते हैं... हम जैसे कायरों में ये हिम्मत कहाँ, हम तो देश की बर्बादी का नारा लगाने वालों तक का कुछ नहीं बिगाड़ पाते बल्कि कुछ मौकापरस्त उनके लिए भी एकजुट हो जाते हैं, उसमे में भी राजनीतिक नफा नुकसान देखा जाता है, कुछ लोग तो दुश्मन के गले लग कर जीवे जीवे मेरा यार जीवे के कसीदे पढ़ते हैं, शहादत की कीमतें लगाई जाती हैं मेरे दोस्त, कैंडल मार्च निकाले जाते हैं और फिर सेल्फियां खींची जाती हैं, फिर चाय समोसे खाये हाथ झाड़े और हो गयी श्रद्धांजलि, जिस तिरंगे को हाथ मे लेकर नारे लग रहे थे, वो वहीं चाय के झूठे कपों के बीच शर्मिंदगी से पड़ा रह जाता है, हम युद्ध लड़ेंगे ? भाई हम तो सिर्फ सोशल मीडिया के शेर है, हम तो यहीं घर बैठे दुश्मन की माँ बहन एक करने का हौसला रखते हैं, हमे राफाल की ज़रूरत कहाँ, हम तो बातों की हवाबाजी से ही दुश्मन के दांत खट्टे कर सकते हैं... एक सिपाही बनने के लिए नाज़ुक दिल नही, कलेजा चाहिए, दिल और दिमाग से लड़ने वाले सिपाही नही होते, हिम्मत और जूनून चाहिए, वो हममें कहाँ... चल भाई आज रविवार है, घर के कुछ काम कर ले, बाज़ार से सामान लाना होगा, बच्चों को घुमाने ले जाना होगा, वीकेंड है, फ़िल्म देखनी होगी.. शायद URI.. और फिर नारा लगाना होगा.. Howz the Josh.. High Sir..