07 अक्टूबर, 2019

डेंगू का प्रकोप एवं प्रदुषण


समस्या विकट है, बरसात खत्म हो चली हैं और डेंगू का प्रकोप मुँह बाए खड़ा है, विचारणीय ये है कि आज भी दुनिया मे सबसे ज़्यादा मौतें मच्छर के काटने से ही होती हैं, बित्ति भर का मच्छर एक परमाणु हमले जितनी प्रजाति को नष्ट करने की क्षमता रखता है, यूँ तो सरकारें प्रयास कर रही हैं किंतु कुछ सकारात्मक होता दिख नही रहा, वैसे देखा जाए तो श्री लंका जैसा छोटा सा देश जो चारो तरफ पानी से घिरा हुआ है अपने को डेंगू मुक्त एवं मच्छर मुक्त घोषित कर चुका है, तो भारत मे भी राजनीतिक होड़ के चलते इसके ना
म पर कुछ उल्टा पुल्टा होता ही रहता है, अब ये फोगिंग ही ले लो, वैसे तो प्रदूषण से दिल्ली का दम घुट रहा है, प्रदूषण के नाम पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी जारी है, कहीं ओड इवन, तो कहीं यातायात नियंत्रण के नाम पर तमाशा, अंततः दिल्ली की बदनसीबी है घुट घुट के जीना, ये फोगिंग करने के नाम पर तो सरकारी कर्मचारी आम जनता की आंखों में धूल के रूप में धुंआ झोंक रहे हैं, प्रदूषण की दुहाई देने वाली सरकारें खुद डीजल के धुएं से मच्छर मारने और डेंगू से लड़ने का दावा करते हैं और हमारे घरों में घुस कर एक बार मे इतना धुंआ छोड़ जाते हैं जो शायद हम सड़क पर चलते हुए साल भर में भी नही लेते, और अनजान और बेबस जनता इस पर भी ताली पीटती है और छुटभैये नेता अपनी वाह वाही लूटते हैं, क्यों हम कुछ सकारात्मक नही करते, अरे अपने घर के आस पास पानी जमा मत होने दो ना, यदि होता है तो उसके लिए सरकार से लड़ो, भगाओ इन फोगिंग के नाम पर तमाशा करने वालों को... आदतें बदलो