14 मई, 2020

आत्मनिर्भर भारत

कल से देख रहा हूँ कि कुछ नमूने जो मोदी जी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर टीवी पर लार टपकाते बैठे थे उनको अब कुछ मरोड़ उठ रही है, पहली रात तो करवटों में इसलिए कट गई की समझ ही नही आया कि 20 लाख करोड़ में शून्य कितने होते हैं, यहां तक कि प्रोफेसर गौरव वल्लभ भी भावशून्य हो गए, फिर ये समझ नही आया कि भूरी काकी के राज में जब इतने घोटाले कर दिए थे तो इतना पैसा कहां से आया, विस्तार पूर्वक समझूंगा तो भी किंचित समझ नही आएगा, क्योंकि मोदी जी इनकी नज़र में कोई अर्थशास्त्री तो है नही, किन्तु मेरी नज़र में वो एक मंझे हुए राजनीतिक अर्थशास्त्री हैं, अब ये इस बात पर बहस कर रहे हैं कि "Make in India" और "आत्मनिर्भर भारत" मे क्या अंतर है, तो सुनो चमचागणो, मेक इन इंडिया विदेशों से बड़े उद्योगों एवं मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को भारत मे सशर्त लाने की एक पहल थी, जिसमे 80% तक क्षेत्रीय रोजगार को बढ़ावा देने का प्रावधान है, जिसमे क्षेत्रीय निर्माण कंपनियों से खरीदी का प्रावधान है, जिससे MSME सेक्टर को बढ़ावा दिया जा सके, रोजगार पैदा किया जा सके और आर्थिक विकास हो, औऱ अब आत्मनिर्भर भारत की ज़िम्मेदारी हम नागरिकों पर इसीलिए है कि हम भी अपने देश मे बनने वाली स्वदेशी वस्तुओं को अपने रोजमर्रा के जीवन मे उपयोग होने वाली सामग्रियों को अपने क्षेत्रीय निर्माता से लें ताकि क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीट उद्योगों को नई ऊर्जा मिले, उन्हें बढ़ावा मिले, उनको आर्थिक संकट से उबार सके एवं देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके, यहां क्षेत्रीय उद्योग से मेरा तात्पर्य MSME सेक्टर से ही है जो हमारा सूक्ष्म, लघु, कुटीर एवं ग्रह उद्योग है, किन्तु नासमझ लोग इसे बड़ी गाड़ियों, मोबाइल फ़ोन, इम्पोर्टेड ब्रांड्स से जोड़ रहे हैं, वैसे इन सभी चीज़ों की एहमियत शायद आप सभी को इस लॉकडाउन के दैरान समझ आ गयी होगी, रोलेक्स पहनने से भी आपका टाइम बदला नही, मेरसीडीज़ या ऑडी आपकी खड़ी ही रह गयी, महंगे ब्रांडेड कपड़े जूते वार्डरोब में ही पड़े रहे, किन्तु जीवित रहने के लिए ज़रूरी चीज़े सीमित ही थी, वो सभी हमे हमारे आसपास ही मिली, इसे समझो, अपने जीवन मे थोड़ा सा बदलाव लाओ, ज़रूरत एवं विलासिता के फर्क को समझो, अपने देश मे बनी वस्तुएं भी उतनी ही अच्छी है, और वो और भी अच्छी हो सकती है यदि हम उन्हें अपने जीवन मे अपना लें, हम स्वयं भी आत्म निर्भर बने, अपने देशवासियों को भी बनायें एवं देश को स्वावलंबन की और ले चले... आओ कदम बढ़ाएं...