16 अक्टूबर, 2019

आस्था या अन्धविश्वास

आजकल हम लोग आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी के युग मे यदि अपनी आस्था और विश्वास को अपनी धार्मिक परंपराओं एवं संस्कृतियों से जोड़ते हुए कोई कार्य करते हैं तो आज उसे अंधविश्वास की संज्ञा दी जाती है, किन्तु मेरा मानना है कि विश्वास या भक्ति या आस्था बंद आंखों से इसीलिए किया जाता है है क्योंकि इसमें पूर्ण समर्पण है, जहां शंका होगी वहां भक्ति और आस्था डगमगा जाएंगे । आधुनिक चिकित्सा के एक बड़े मंदिर सर् गंगा राम हॉस्पिटल के सुपर स्पेशलिटी विभाग में बना ये सर्व धर्म पूजा स्थल शायद एक अपवाद है, जहां हमारी अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली भी उसी आस्था, विश्वास एवं भक्ति की उंगली पकड़े जीवन मृत्यु के संघर्ष में आशा की एक किरण देखती है। विभिन्न धर्म गुरुओं, भगवान, ईश्वर, गॉड, का समन्वय एवं एक स्थान पर बिना किसी भेद के एक आलौकिक ऊर्जा एवं शक्ति प्रदान करता है, एवं जीवन चक्र में आगम से प्रस्थान तक यूँ ही थामे रहता है, परंतु कुछ लोगों के दो निम्बू से ही दिमाग और दांत दोनो खट्टे हो जाते हैं...

 

07 अक्टूबर, 2019

डेंगू का प्रकोप एवं प्रदुषण


समस्या विकट है, बरसात खत्म हो चली हैं और डेंगू का प्रकोप मुँह बाए खड़ा है, विचारणीय ये है कि आज भी दुनिया मे सबसे ज़्यादा मौतें मच्छर के काटने से ही होती हैं, बित्ति भर का मच्छर एक परमाणु हमले जितनी प्रजाति को नष्ट करने की क्षमता रखता है, यूँ तो सरकारें प्रयास कर रही हैं किंतु कुछ सकारात्मक होता दिख नही रहा, वैसे देखा जाए तो श्री लंका जैसा छोटा सा देश जो चारो तरफ पानी से घिरा हुआ है अपने को डेंगू मुक्त एवं मच्छर मुक्त घोषित कर चुका है, तो भारत मे भी राजनीतिक होड़ के चलते इसके ना
म पर कुछ उल्टा पुल्टा होता ही रहता है, अब ये फोगिंग ही ले लो, वैसे तो प्रदूषण से दिल्ली का दम घुट रहा है, प्रदूषण के नाम पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी जारी है, कहीं ओड इवन, तो कहीं यातायात नियंत्रण के नाम पर तमाशा, अंततः दिल्ली की बदनसीबी है घुट घुट के जीना, ये फोगिंग करने के नाम पर तो सरकारी कर्मचारी आम जनता की आंखों में धूल के रूप में धुंआ झोंक रहे हैं, प्रदूषण की दुहाई देने वाली सरकारें खुद डीजल के धुएं से मच्छर मारने और डेंगू से लड़ने का दावा करते हैं और हमारे घरों में घुस कर एक बार मे इतना धुंआ छोड़ जाते हैं जो शायद हम सड़क पर चलते हुए साल भर में भी नही लेते, और अनजान और बेबस जनता इस पर भी ताली पीटती है और छुटभैये नेता अपनी वाह वाही लूटते हैं, क्यों हम कुछ सकारात्मक नही करते, अरे अपने घर के आस पास पानी जमा मत होने दो ना, यदि होता है तो उसके लिए सरकार से लड़ो, भगाओ इन फोगिंग के नाम पर तमाशा करने वालों को... आदतें बदलो

25 सितंबर, 2019

Father Of India

#FatherOfIndia का विशेषण नरेंद्र मोदी को कैसे बोल पड़े राष्ट्रपति ट्रम्प इसको समझने की आवश्यकता है, वो इसलिए क्योंकि सारे अमरीकी अखबारों में हमारे प्रधानमंत्री जी के लिए एक यह भी मुख्यशीर्षक था.. PM Modi's down to earth gesture at Houston Airport is winning hearts... मोदी जी जब ह्यूस्टन में एयरपोर्ट पर उतरे और वहां पंक्तिबद्ध स्वागतार्थियों से मिलने लगे तो उन्हें एक गुलदस्ता भेट किया गया जिससे एक फूल की छोटी टहनी खिसक कर ज़मीन पर गिर पड़ी..उन्होंने तुरंत स्वयं झुककर बाएं हाथ से उसे उठाया जिसे साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी को दे दिया.. यह दृश्य अमरीका के लिए असाधारण और अकल्पनीय था और इस दृश्य को विभिन्न सकारात्मक व्याख्याओं के साथ अमरीकी अखबारों में प्रकाशित किया गया.. इस समाचार ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में आए हुए सभी राष्ट्राध्यक्षों को सम्मोहित किया... और उस तर्कसंगत सम्मोहन के उद्रेक में राष्ट्रपति ट्रम्प ने सत्य उद्गार व्यक्त किया कि "Modi is Father of India ..." यहां यह ध्यान रखने की बात है कि इण्डिया का अर्थ भारत नहीं है... इंडिया , भारत में रहने वाली एक विचारधारा का नाम है जो स्वयं को सदा ही ऊंचा समझता है, जिसे फूलों के कुचले जाने की कोई चिंता नहीं रहती ... जो फूल ज़मीन पर गिरे तो गिरे , हुआ तो हुआ के कुविचारों से मदांध रहता है .. किन्तु हमारा भारत तो भारत माता है .. जो स्वच्छता को हर जनमानस का नैतिक अधिकार समझती है, जो देश की उन्नति और विकास को प्राथमिकता देती है, जो एक नए भारत की कल्पना करती है, राष्ट्रपति ट्रम्प के इस उद्गार से जिसे सीखना है वह सीखे, जिसे रोना ही है वह रोये...

05 अगस्त, 2019

कश्मीर और 370

देश में आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया, भारत का सिरमौर जम्मू एंड कश्मीर जो देश का अभिन्न अंग होते हुए भी अपने आप में भिन्न था, वो आज एक संविधान, एक झंडे और एक विधान से इस देश से जुड़ गया। अनुच्छेद 370 एवं 35A को हम कुछ यूँ भी समझ सकते हैं की अब आपके हमारे जैसे बाहरी लोग जम्मू कश्मीर में बिजनेस कर सकेंगे. जम्मू-कश्मीर में वोट का अधिकार सिर्फ वहां के स्थाई नागरिकों को था, अब दूसरे राज्य के लोग यहां वोट कर सकेंगे। चुनाव में उम्मीदवार भी बन सकते हैं.देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है.देश के किसी हिस्से का नागरिक वहां जमीन खरीद सकता है यानि वहां बस सकता है।  देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है. स्कॉलरशिप हासिल कर सकता है।  सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी जम्मू-कश्मीर में सीधे नहीं लागू होते थे। अब इसमें कोई रुकावट नहीं होगी। भारत का कोई भी नागरिक चाहे वो देश के किसी भी हिस्से में रहता हो अब उसे कश्मीर में स्थायी तौर पर रहने, अचल संपत्ति खरीदने का अधिकार मिल जाएगा।  अब तक 35ए की वजह ये नहीं हो पा रहा था, जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाया गया है, यानि अब जम्मू कश्मीर विधानसभा दिल्ली जैसी विधानसभा होगी, राज्य का हेड गवर्नर होगा, पुलिस जम्मू कश्मीर के सीएम के बजाए राज्यपाल को रिपोर्ट करेगी यानि लॉ एंड ऑर्डर केंद्र के पास होगा। अब तक कानून व्यवस्था जम्मू कश्मीर सरकार के पास थी.जम्मू कश्मीर राज्य को बर्खास्त करने की पॉवर राष्ट्रपति के पास नहीं थी ,लेकिन इस अनुच्छेद के हटने के बाद यह भी संभव होगा। सूचना का अधिकार कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद RTI कानून लागू हो जाएगा, J&K में अब तिरंगे का अपमान करना अपराध होगा, अब तक इसपर किसी तरह की सजा नहीं थी। अब जम्मू-कश्मीर का अपना झंडा और अपना संविधान नहीं होगा. जम्मू-कश्मीर ने 17 नवंबर 1956 को अपना संविधान पारित किया था। जिसे अब खत्म कर दिया गया है..... यदि कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती थी, तो उसके पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी यानी किसी भी पाकिस्तानी को आसानी से जम्मू में रहने का लायसंस मिल जाता था. अब ये मुमकिन नहीं होगा. पाकिस्तानी, पाकिस्तानी ही रहेगा। जम्मू-कश्मीर की महिला अगर किसी दूसरे राज्य के स्थायी नागरिक से शादी करती हैं तो उसकी और उसके बच्चों के लिए अब कश्मीरी नागरिकता जैसे अड़चने नहीं होंगी, क्योंकि अब कश्मीरी नागरिकता जैसी चीज़ नहीं होगी. और सूबे से दोहरी नागरिकता भी खत्म हो जाएगी। संसद से पारित कानून अब सीधे लागू होंगे, अब तक भारतीय संसद के अधिकार जम्मू कश्मीर को लेकर सीमित थे, अब तक ये होता था कि डिफेंस, विदेश और वित्तीय मामले को छोड़कर अगर संसद कोई भी कानून बनाती थी तो वो वह जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था, ऐसे कानून को लागू कराने का प्रावधान यह था कि इसके लिए पहले संसद द्वारा पारित कानून को जम्मू-कश्मीर राज्य की विधानसभा में पास होना जरूरी था. ये अधिकार राज्य को 370 के तहत ही मिले हुए थे. अब ये खत्म हो गया है। संविधान के मुताबिक अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलेगा, कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को 16 फीसदी आरक्षण नहीं मिलता था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद से लाभ भी मिलना शुरू हो जाएगा।  शिक्षा का अधिकार और CAG का कानून भी यहां लागू नहीं था जो अब तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा। राज्य की विधानसभा का कार्यकाल अब पांच साल का होगा, जो पहले छह साल का था.राज्य की विधानसभा का कार्यकाल अब पांच साल का होगा, जो पहले छह साल का था। मतलब एक देश, एक संविधान, एक कानून.....

19 जुलाई, 2019

भाजपा का सदस्यता अभियान, कमल, कीचड और दलदल

भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है, आप दो तरह से सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं, एक तो घर बैठे आप 8980808080 पर मिस्ड कॉल दे कर, दूसरा भाजपा को, मोदी जी को दिन रात कोस कर, गालियां दे कर, भाजपा कार्यकर्ताओं को कुत्ता बता कर, मशरूम से जवानी की कहानी सुना कर भी, और मज़े की बात इस सबके लिए आपका पार्टी में स्वागत स्वयं पार्टी के वरिष्ठ नेता माला पहना कर करते हैं... बस समस्या उस बेचारे कार्यकर्ता के लिए है जो पार्टी से जुड़ता है क्योंकि वो अपने, अपने परिवार, देश व समाज के अच्छे भविष्य की कल्पना करता है, सरकार से उम्मीदें पालता है, वो पार्टी में चुपचाप अपना किरदार निभाता है क्योंकि उसने कोई विषय उठाया तो शकुनि और यदि कोई सुझाव दिया तो विभिक्षण कहलाता है, उस बेचारे को नेता बनना तो दूर नेता चुनने का भी अधिकार नही, ना मान, ना अपमान और ना ही स्वाभिमान की चिंता, बस आला कमान ने जिसकी ओर उंगली उठाई वही सिरमौर, यदि आपमे ये सभी गुण हैं तो आप भी पार्टी के सदस्य बन सकते है, उसके लिए आपको कोई मिस्ड कॉल भी नहीं करना...