20 नवंबर, 2018

लोकतंत्र पर खतरा

देश पर एक बड़ा लोकतांत्रिक खतरा मंडरा रहा है, इसको थोड़ा ऐसे समझना पड़ेगा कि विपक्ष आज अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, वर्तमान सरकार के ताबड़तोड़ निर्णय और राष्ट्र निर्माण के लिए उठाए गए निर्णायक फैसलों की वजह से भारत का गौरव बढ़ा है और भारतवासियों का सरकार के प्रति विश्वास भी, अब हुआ यूं कि विपक्ष ने देश को तोड़ने और गुमराह करने की भरपूर कोशिश की किन्तु सफल नही हो सकी तो अब उनके निशाने पर देश की लोकतांत्रिक व्यस्था है जिसको तोड़ने ओर सरकार की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाने के लिए अब लामबंद तरीके से देश की ब्यूरोक्रेसी और न्यायप्रणाली पर हमला किया जा रहा है, जिसके लिए पहले केंद्र में मंत्री और उनके विभागों पर हमला किया गया जो अच्छे परिणाम दे रहे थे, फिर देश की सेना पर तो हमले होते ही रहते हैं और विपक्ष के आंतरिक हमलों से ज़्यादा नुकसान होता है, देश की अर्थव्यस्था को तोड़ने, gst और नोटबन्दी को झुठलाने की भरसक कोशिश की गई, पेट्रोल डीसल के रेट बढ़वाए गए, रुपये की अंतराष्ट्रीय बाजार में गिरावट को निशाना बनाया गया, न्यायपालिका भी इसमें एक अहम रोल अदा कर रही है, इसका प्रमुख कारण है हमारी वर्तमान नौकरशाही जो कांग्रेस के ज़माने से ही उन्हीं की तर्ज़ पर काम कर रही है, और इन पर मोदी सरकार ने लगाम लग दी, परिणाम स्वरूप अब वो भी विपक्ष के समर्थन में आने लगे है, जो नही वो विपक्ष के निशाने पर है, आने वाले समय मे अजित डोवाल को भी सीबीआई ओर देश की सुरक्षा व्यस्था ओर देश की सुरक्षा एजेंसी से जोड़ दिया जाएगा, यानी देश के लोकतंत्र को तोड़ने के लिए प्रमुखतया न्यायपालिका, सुरक्षा एजेंसी, और नौकरशाही तीनो पर चौतरफा हमला किया जा रहा है, आने वाला संसद का शीत कालीन सत्र भी विपक्ष प्लान बनाकर ध्वस्त करना चाहता है। दरसअल, मोदी सरकार से एक बड़ी गलती ये हुई कि सरकार बदलने के बावजूद कई बड़े अधिकारी अपने स्थान पर बने रहे. मोदी सरकार ने उन्हें हटाया नहीं. अब यही लोग नासूर बनकर सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं. इसकी वजह ये है कि यूपीए के दौरान “Exchange Traded Currency Futures” की व्यवस्था को मजबूत बना दिया गया था जो अब भी चालू है. इस सिक्रेट गैंग की लुटियन मीडिया से काफी नजदीकियां है. ये सब एक ही थाली के चट्टेबट्टे हैं. इसलिए अखबारों में आर्टिकल के जरिए ये फैलाया जा रहा है कि देश की आर्थिक स्थिति बहुत खऱाब है. रिपोर्ट के मुताबिक रुपया को लेकर अफवाह फैलाने के काम में दिल्ली का एक थिंक टैंक सक्रिय है. मतलब साफ है कि यूपीए के समर्थित दिल्ली के नार्थब्लॉक और मुंबई के मिंट रोड में बैठे अधिकारी.. अपने आकाओं के कहने पर देश को आर्थिक संकट में फंसाने में जुटे हैं. इसका मकसद साफ है कि रुपये को गिराकर और स्टॉक एक्सचेंज में भूचाल लाकर ये साबित करना है कि मोदी सरकार फेल हो गई. ताकि, विपक्ष इसका फायदा उठा सके. भारत की तबाही पर राजनीतिक रोटी सेंकने में विपक्ष विदेश में भी खेल कर रहा है. कश्मीर पर मानवाधिकार संगठनों के रिपोर्ट बनाए जा रहे हैं. यूएन ह्यूनराइट कमीश्नर ऑफिस द्वारा कश्मीर रिपोर्ट एक उसका उदाहरण है. इस रिपोर्ट पाकिस्तानियों के साथ मिल कर नक्सली गैंग ने निकलवाया था. इस रिपोर्ट के फुटनोट में साफ साफ लिखा था कि सारी जानकारियां नक्सलियों और कश्मीरी अलगाववदियों के मानवाधिकार संगठन द्वारा मुहैया कराई गई थी. कांग्रेस पार्टी की मदद से पनपने वाला लेफ्ट लिबरल गैंग अब यूरोप और अमेरिका के सांसदों के बीच लॉबी कर रहा है. कुछ दिन में ये सांसद भारत के खिलाफ बयान देंगे. बताया जा रहा है कि कुछ सांसदों को पैसे भी दिए गये हैं. इन्हें मीडिया में खूब छापा और दिखाया भी जाएगा. इतना ही नहीं, विदेश के अखबारों में भारत के खिलाफ आर्टिकल लिखवाया जाएगा. मोदी सरकार एक दमनकारी सरकार है, प्रजातंत्र विरोधी सरकार है ये बात दुनिया भर में फैलाई जाएगी. देश और दुनिया में सरकार की छवि ऐसी बना दी जाएगी कि नरेंद्र मोदी सरकार नहीं चला पा रहे हैं. इसके बाद कोहराम शुरु होगा. जतीय दंगा, बंद, हड़ताल के साथ साथ नक्सलियों के हमले होंगे. झूठे आऱोप लगा कर संसद चलने नहीं दिया जाएगा. सरकार पर हिटलरशाही का आरोप लगाया जाएगा. जो लोग सबसे ज्यादा सरकार के खिलाफ बोलते हैं वो देश को बताएंगे कि कैसे बोलने की आजादी छिन गई है. विपक्ष ने देश को अस्त व्यस्त करने की तैयारी में जुटी है, और तो ओर अभी कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी और कांग्रेस के कोर कमेटी मेंबर ट्वीटर के फाउंडर जैक से मिले और अब आगे की कार्यवाही बरखा दत्त और उसके गैंग को सौंपी गई है ताकि मोदी समर्थकों पर सोशल मीडिया में कैंची चलवाई जा सके और धड़ाधड़ उनके समर्थकों के एकाउंट बंद किये जा सकें, ये सब केवल साजिशन किया जा रहा है, सवाल ये है कि इसके जवाब में सरकार क्या करेगी? तो जवाब ये है कि सरकार इसका नीतिगत जवाब देगी किन्तु हमे देश के नागरिकों को सतर्क रहने की ज़रूरत है और इन विघटनकारी साजिशों से बचने की ज़रूरत है, विश्वास कीजिये और आंखें बंद करके मोदी पर भरोसा रखिये क्योंकि केवल यही विश्वास ही अब मोदी के साथ है और वो देश को झुकने नही देगा...