घर के मुखिया होने के नाते आप अपनी ज़िम्मेदारी के तहत अपनी संतान को केवल रहने के लिए घर, खाने के लिए खाना एवं पहनने के लिए कपड़े ही नही देते अपितु उन्हें जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं, संस्कार भी देते हैं, एक दूसरे के प्रति मान सम्मान, आपसी प्रेम एवं भाईचारे के साथ सामुदायिक सौहार्द भी सिखाते हैं, और समय आने पर यदि परिवार में कोई संकट आता है तो उसका मिल जुल कर सामना करना एवं उससे लड़ना भी सिखाते हैं.. जब यही सामाजिक समरसता राष्ट्र के प्रति हो तो वो एक बड़े परिवार का निर्माण करती है, और उसी से "वसुधैव कुटुम्बकम" का सृजन होता है... आज राष्ट्र के मुखिया ने अपने परिवार से इसी सामाजिक समरसता का फिर एक बार आह्वान किया है, रविवार 5 अप्रैल को रात्रि में 9 बजे अपने द्वार, छत, छज्जों में या खिड़कियों में राष्ट्र के नाम, उन वीर #CoronaWarriors के नाम, जो इस आपदा के समय अपना सर्वस्व त्याग कर अपने राष्ट्रीय परिवार के लिए दिन रात अपनी जान की बाज़ी लगा कर लड़ रहे हैं, एवं अपनी राष्ट्रीय समरसता के नाम पर एक दीया, या एक मोमबत्ती या मोबाइल टोर्च की रोशनी जलायें, अनगिनत टिमटिमाती रोशनियों के बीच जो अनुभव होगा वो अकल्पनीय है, खुशियों के यही छोटे छोटे पल मिलकर एक बड़ी ख़ुशी का निर्माण करते हैं, छोटे छोटे दीयों से ही बड़ी दीवाली होती है...
#9Baje9Minute
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