अभी रामायण देखते हुए यकायक एक विचार आया, ये असुर शक्तियां प्राचीन काल से ही विपरीत एवं विध्वंसक वामपंथी मानसिकता एवं विचारधारा रखती थीं, इतनी वामपंथी की ना केवल राम रावण युद्ध मे बल्कि जितने भी असुर युद्ध मे आये सभी के तीर भी टीवी स्क्रीन पर लेफ्ट से ही आते थे, यूँ तो राइट विंग के राम लक्ष्मण उनके सभी वार प्रहारों को काट देते थे, किन्तु ये भी देखा कि कई बार यही आसुरी शक्तियां कुछ बाहरी शक्तियों का सहारा लेकर प्रबल होकर स्क्रीन के उसी लेफ्ट साइड से जोरदार प्रहार करने में भी सफल हो जाती हैं.. और यहां तक कि राम और लक्ष्मण सरीखे श्री जी अवतारों तक को आघात दे देती हैं... यही वामपंथी आसुरी शक्तियां चिरकाल से ही कुछ शरूपनखा एवं सुरसा रूपी राक्षसियों के अपने सायबर सेल की मदद से मायाजाल बुनती हैं.. यूँ तो ये वामपंथी असुर शिक्षा एवं अस्त्र शस्त्र विभाग में अक्सर प्रकांड पंडित होते है किंतु इनकी यही शिक्षा अक्सर इनको कंस्ट्रक्टिव माइंडसेट से डिस्ट्रक्टिव माइंडसेट की ओर ले जाती है, रावण ने सीता का हरण किया और बौद्धिक क्षीणता का शिकार हो गया, और उसी के चलते ये वामी राक्षस अपने निहित स्वार्थ एवं लोलुपता में अपने राष्ट्र के साथ साथ अपने कुल का भी विनाश करने पर आतुर हो जाता है... वर्तमान परिपेक्ष में भी यही वामपंथी राक्षस अपने साम दाम दंड भेद सभी का उपयोग करके राष्ट्र के अहित और अपनी कुंठित मानसिकता के चलते राष्ट्राध्यक्ष के विरुद्ध अपनी कुटिल चालो से आघात करने में लगे है, इन्हें आज कुछ और जिहादी शक्तियों का भी समर्थन प्राप्त है, कुछ विपक्षी आसुरी शक्तियां भी इस कोरोना युद्ध मे एकजुट होकर हमारा मनोबल तोड़ने में लगी है किंतु हम राष्ट्रवादी राइट विंग वाले भी कम नही है, हम अपने राष्ट्रधर्म के मार्ग पर चलते हुए घर बैठे ही इनके तीखे बाणों का रुख वापस मोड़ देंगे और अंततः विजय श्री प्राप्त करेंगे... यही तो नियति है, यही तो धर्मयुद्ध है...