08 मार्च, 2019

मुफ्त का धनिया

देश आतंकवाद से त्रस्त है, सैकड़ों निर्दोष इसका शिकार हुए हैं, हमारी सेना ने सालों तक अपने हाथ बांध कर इसका सामना किया, आरोप झेले, शहादत दी पर उफ्फ तक नही की। बड़े हमले हुए, आतंकी हमारे घरों तक घुस आए, लेकिन हमने सिर्फ अपने बचने की दुआ मांगी और सैनिकों की शहादत पर मोमबत्तियां जलायीं, पल भर की देशभक्ति जागी, वन्दे मातरम.. भारत माता की जय.. जय हिंद के नारे लगाए, चाय समोसा खाये, हाथ झाड़े और अपने सुरक्षित घरों में वापस आ गए, पल भर के लिए हिन्दू, मुसलमान, जाट गुर्जर, सवर्ण दलित, उत्तर भारत दक्षिण भारत सब एक हो गया। अच्छा लगा.. और फिर आया सबूत का कीड़ा, जो सब किये कराए पर पानी फेर देता है, जो काटता है, ज़हर उगलता है, पीड़ा देता है और फिर ज़ख्म का नासूर बना देता है। ये राजनीति भी बड़ी कुत्ती चीज़ है, किसी की सगी नही होती, निहित स्वार्थ राष्ट्रहित से भी ऊपर और अवसरवादिता शहादत के सीने पर पैर रख कर सफलता की सीढ़ी बनती है, हमारे स्वाभिमान और अस्मिता को कुचलने वाले दुश्मन से भी गलबहियां की जाती है, अपनी ही सरकार, सेना और सुरक्षा प्रणाली से सवाल किया जाता है, उनकी गरिमा को चोट पहुंचाई जाती है, उनके सामर्थ्य पर प्रश्नचिन्ह लगाया जाता है। और देश की जनता किंकर्तव्यविमूढ़ सी असमंजस की स्थिति में ठगी सी रह जाती है, किन्तु जनता की भी अपनी मजबूरी है, भक्ति और चमचागिरी की भी अपनी एक मजबूरी है और वैसे भी जनता का क्या है उसे तो बस सब्ज़ी के साथ धनिया मुफ्त मिलना चाहिए...

06 मार्च, 2019

पाकिस्तान का आतंकवाद

जैश ए मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर भारत मे संसद पर हुए हमले, जम्मू कश्मीर विधानसभा, पठानकोट एयर बेस, और पुलवामा जैसे बड़े हमलों का दोषी अब पाकिस्तान के गले की हड्डी बन चुका है, पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किये गए हवाई हमले में इसके भी मारे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं, दरअसल पुलवामा के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक सर्जिकल स्ट्राइक का डर सता रहा था तो पाकिस्तान ने अपने सभी आतंकी कैंपो से आतंकियों को उनके हेड क्वार्टर बालाकोट में इक्कट्ठा कर दिया जिसके फायदा भारतीय वायुसेना  ने उठाते हुए हवाई हमले करके लगभग 250 आतंकियों को एक ही जगह एक साथ मार गिराया जिसकी पाकिस्तान ने कल्पना भी नही की थी, इन मारने वालों में जैश के टॉप कमांडर और ट्रेनर भी शामिल थे। अब इस युद्ध की स्थिति औऱ माहौल में अंतराष्ट्रीय दबाव के चलते मसूद अजहर को आतंकी घोषित करके भारत को सौंपने का चक्रव्यूह रचा जा रहा है, अब समजो इसके दूसरे पहलू को, यदि पाकिस्तान ये स्वीकार करता है कि मसूद अजहर हवाई हमले में मारा गया तो ये ओसामा बिन लादेन की मौत की तरह भारत की एक बहुत बड़ी जीत मानी जायेगी, अगर उसे भारत को सौंपना पड़ा तो भी ये भारत की एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जाएगा, इसलिए अचानक उसके बहुत बीमार होने की थ्योरी रची गयी और उसको एक हस्पताल में सेना की निगरानी में होने की बात कही गयी, ताकि ज़रूरत पड़ने पर उसको बीमारी से हुई मौत कहकर पल्ला झाड़ा जा सके और पाकिस्तान इसका श्रेय भारत और मोदी सरकार को ना मिलने दे जिसका असर आने वाले चुनावों पर पड़ सकता है, ना तो वो उन 250 आतंकियों को मौत को स्वीकार कर सकता है, क्योंकि ऐसा करना उस पर इतने आतंकियों को पनाह देने का सीधा आरोप सिद्ध करता है, वैसे भी सिर्फ एक मसूद अजहर ही नही बल्कि हाफिज सईद, सईद सलाउद्दीन भी तो हैं, और फिर दाऊद भी तो था, ये भी वही थ्योरी है जो मैंने कुछ महीने पहले दाऊद के मरने की बात कही थी, यानी अगर पाकिस्तान दाऊद की मौत नकारता है तो उसे भी पाकिस्तान को भारत को सौंपना पड़ेगा और उसकी मौत स्वीकारता है तो साबित होगा कि दाऊद पाकिस्तान में उसकी पनाह में था... चलो अब जो भी है निष्कर्ष ये है कि पाकिस्तान एक विकट परिस्तिथि में है, F16 को लेकर अमेरिका और जॉर्डन का दबाव, बदहाल अर्थव्यस्था और अब कंगाली में आटा गीला.. वैसे आज महाशिवरात्रि है, और मोदी परम शिवभक्त, क्या पता कृपा हो जाये और आज रात ही तांडव भी हो ही जाए, भगवान भोलेनाथ कृपा करें...

18 फ़रवरी, 2019

पुलवामा आतंकी हमला ( #Pulwama )

कश्मीर में CRPF पर आतंकी हमला हुआ तो एक मित्र ने कहा कि अब तो पाकिस्तान से लड़ाई छिड ही जानी चाहिये.... मेने कहा कि दाल फ्राई और पनीर पसंदा खाने वाले युद्ध नही लडा करते भाई.. दाल तेल प्याज और टमाटर महँगा हो जाने पर विरोध करने वाले लोग युद्ध नहीं लड़ सकते बल्कि युद्ध वो लडते है जो बर्फ से ढके पहाड़, बंजर घाटियां, वीरान रेगिस्तान की भी हर एक इंच ज़मीन को अपनी माँ समझते हैं.... वो परिवार जो अपना इकलौता बेटा शहीद होने पर गर्व महसूस करते हैं, एक बेटा शहीद होने पर भी अपने पोते को फौजी बनाने का सपना देखते हैं... हम जैसे कायरों में ये हिम्मत कहाँ, हम तो देश की बर्बादी का नारा लगाने वालों तक का कुछ नहीं बिगाड़ पाते बल्कि कुछ मौकापरस्त उनके लिए भी एकजुट हो जाते हैं, उसमे में भी राजनीतिक नफा नुकसान देखा जाता है, कुछ लोग तो दुश्मन के गले लग कर जीवे जीवे मेरा यार जीवे के कसीदे पढ़ते हैं, शहादत की कीमतें लगाई जाती हैं मेरे दोस्त, कैंडल मार्च निकाले जाते हैं और फिर सेल्फियां खींची जाती हैं, फिर चाय समोसे खाये हाथ झाड़े और हो गयी श्रद्धांजलि, जिस तिरंगे को हाथ मे लेकर नारे लग रहे थे, वो वहीं चाय के झूठे कपों के बीच शर्मिंदगी से पड़ा रह जाता है, हम युद्ध लड़ेंगे ? भाई हम तो सिर्फ सोशल मीडिया के शेर है, हम तो यहीं घर बैठे दुश्मन की माँ बहन एक करने का हौसला रखते हैं, हमे राफाल की ज़रूरत कहाँ, हम तो बातों की हवाबाजी से ही दुश्मन के दांत खट्टे कर सकते हैं... एक सिपाही बनने के लिए नाज़ुक दिल नही, कलेजा चाहिए, दिल और दिमाग से लड़ने वाले सिपाही नही होते, हिम्मत और जूनून चाहिए, वो हममें कहाँ... चल भाई आज रविवार है, घर के कुछ काम कर ले, बाज़ार से सामान लाना होगा, बच्चों को घुमाने ले जाना होगा, वीकेंड है, फ़िल्म देखनी होगी.. शायद URI.. और फिर नारा लगाना होगा.. Howz the Josh.. High Sir..

25 जनवरी, 2019

नरेन्द्र मोदी का हिंदुत्व

ये ख़ास तौर से उनके लिए जो मोदी जी को कोसते हैं कि हिंदू धर्म के लिए कुछ नही किया उन लोगो को समझना होगा जो अब भी राम मंदिर को मुद्दा मान उलझे हुए है।राम मंदिर तो आखिरी हथियार है लेकिन मुझे नहीं लगता मोदी जी अपने स्वार्थ के लिए इस ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करेंगे..क्यूँकी मैंने कभी मोदी जी को धर्म, जाती और तुष्टिकरण की राजनीति करते नहीं देखा है.... आज तथाकथित सेक्युलर लोग, पादरी, मौलाना, और हिन्दू भी मोदी से खफा है, कुछ को तो मोदी ने इस कदर खफा किया है कि उनको मौका मिलते ही बदला जरूर लेंगे। इनकी लूट चोरी 4 सालो से बंद पड़ी है सोचिए दुबारा सत्ता और पॉवर में आते ही ऐसे लोगो का सर्वप्रथम कार्य क्या होगा??? और प्राथमिकता क्या होगी??? पहला कार्य जो धन लुट चुका है मोदी को हराने के लिए पहले दुबारा उसको इकट्ठा करना, दूसरा कार्य बदला लेना... ऐसे हजारों एनजीओ बंद करवाना हिंदुत्व के लिए कार्य करना नहीं होता क्या जो हिंदुओ के खिलाफ विदेशी फंड पर कार्य कर रहे थे? विदेशो से आए पादरियों जो टूरिस्ट वीज़ा पर देश में धर्मांतरण करवाते थे उनको ब्लैक लिस्ट कर वापस भेजना हिंदुत्व नहीं है ? आज कुछ धर्म मुस्लिम और ईसाई खास कर मोदी से खफा है... इसका मतलब साफ़ है कि जरूर मोदी जी ने इनके पेंच टाईट किए है... ये लोग जो करते थे वो अब करने मै दिक्कत हो रही है, अब ये धर्म की आड़ में धर्मांतरण और अपना धंधा नहीं चला पा रहे है... और भी बहुत कुछ है जो आप और हम जो सोशल मीडिया पर रहते है उनको ना पता हो पर व्हाट्सअप वालों को पता है और वो बहुत खुश हैं। जानते हैं कि उन्हें क्या क्या पता है ?? कई दिनों से "तथाकथित" हिन्दू राष्ट्र्वादी ग्रुप के एक धड़े ने मोदी के खिलाफ एक अघोषित केम्पेन सा चला रखा है। ये लोग काफी ज्ञानी और खुद को हिंदुत्व का सबसे बड़ा पुरोधा समझते है। इन सभी को बस यही लगता कि इन्होंने मोदी सरकार बनवायी थी और वो भी सिर्फ इस लिए की मोदी सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व के लिए ही काम करेंगे और न ही वो विकास करेंगे न ही वो किसी दूसरे धर्म के त्योहारों पर बधाई देंगे। और बस 5 साल में देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देंगे तो इस देश की सभी समस्याओं का अंत अपने आप हो जाएगा। और इससे थोड़ा आगे बढ़ते है तो ये पाते है कि मोदी सरकार ने 4 साल में हिंदुत्व के लिए कुछ भी नही किया बल्कि हिंदुत्व के खिलाफ ही काम किया है। इनकी पोस्टो में न तो किसी भी विकास कार्य का जिक्र होगा कभी न ही ऐसे कार्य का जिक्र होगा जिसके केंद्र में हिन्दू हो। उल्टा ये लोग सिरे से इसे इग्नोर करके पुरानी कहानियों के आधार पर इसका सिरा दूसरे से जोड़ कर वर्तमान की घटनाओं को अपने नजरिये से न्यायसंगत बनाने की कोशिश करते रहते हैं। वैसे मोदी ने जो कार्य हिंदुत्व हित मे किये वो इन कार्यो पर हमेशा मौन ही रहे है और मौन रहेंगे आगे भी क्योकि इन्हें सिर्फ विरोध करना ही रह गया है। मोदी सरकार और दूसरी BJP की सरकारों ने जो हिन्दू हितों में काम किये वो आपको ढूंढने पर कहीं न कहीं मिल ही जायँगे । लिस्ट बहुत लंबी है लिखूंगा तो पोस्ट बड़ी हो जाएगी और फिर कोई पढ़ेगा नही, खैर ज़रूरी लगे तो मांग लेना वो सब भी लिख दूंगा...

21 जनवरी, 2019

नरेन्द्र मोदी क्यों ? (Why #Modi Again)

सोचो अगर अचानक 1 करोड़ लोग हमारे बॉर्डर पर अचानक हमला कर दें तो क्या होगा, क्या हमारी सेना उन्हें रोक पाएगी ? क्या कोई बम या बंदूक उन्हें रोक पाएगी ? ये सच है और ऐसा होने जा रहा है। आज पाकिस्तान की बर्बादी की कहानी लिखी जा चुकी है, उसकी अर्थव्यस्था चरमरा चुकी है, दूध ब्रेड तक के लिए लोगों के पास पैसा नही बचा है, ऊपर से बढ़ती जनसंख्या का दबाव इसे एक पोटेंशियल बम बना रहा है जो कभी भी फट सकता है। आने वाले 7-8 महीने हमारे लिए बहुत ही घातक है, क्यों ? क्योंकि हमारे देश मे लोकसभा चुनाव है और उसका सीधा असर पाकिस्तान की आज की स्तिथि भी निर्धारित करेगा, विपक्ष का गठबंधन प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से पाकिस्तान के सहयोग से इस चुनाव को अव्यवस्थित करना चाहता है, क्योंकि पाकिस्तान को भी पता है कि विपक्ष की जीत में उसका अस्तित्व है तो वो भी बची खुची ताकत से लगा हुआ है। ऊपर से हाफिज सईद ओर लखवी जैसे आतंकी पाकिस्तान में ये भृम फैला रहे हैं कि उनकी बर्बादी का कारण भारत है तो चढ़ जाओ भारत पे और अपना हक छीन लो, चूंकि पाकिस्तानियों को भी अब देश छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ रहा है तो वो दूसरी तरफ अफगानिस्तान की तरफ ना जाकर भारत की तरफ ही भागेंगे, और जो रईस पाकिस्तानी है वो या तो पश्चिमी देशों की तरफ जाएंगे या फिर खाली होते पाकिस्तान को कब्जाएँगे। तो अब इसका हल क्या है ? क्या लगता है कि इसे कौन रोक सकता है, हमारा मजबूर ठग-बंधन या फिर एक वो मजबूत नेतृत्व जिसने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है, हमारी सेना को वो ताकत कौन दे सकता है ? इस बम को फूटने से कौन रोक सकता है ? क्या वो जो रोहिंज्ञाओं को देश मे बसाने की वकालत करते है और उनखे हक में देश के विरुद्ध लड़ते है ? या वो जो खुद पाकिस्तान जा कर उनसे अपने ही देश में अस्थिरता फ़ैलाने और सरकार को गिराने की गुहार लगाते हैं, गहराई से सोचिए.. व्यक्तिगत, जातिगत और पार्टीवाद के खिलाफ उस सक्षम व्यक्तित्व और नेतृत्व को देखिए जिसमे इस विकराल समस्या से लड़ने और उसका हल करने की क्षमता और ताकत है... नरेंद्र दामोदर दास मोदी..