18 जुलाई, 2018

अग्निवेश का आडम्बर

आजकल देश में एक अलग परंपरा चल निकली है,राजनितिक द्वेष के चलते धर्म का आडम्बर ओढ़ कर किसी भी दुसरे धर्म को या यूँ भी कहें की उसी धर्म को बदनाम करने की साजिश की जा रही है, मैं हमेशा से कहता रहा हूँ की कोई भी धर्म इतना छोटा नहीं होता की वो किसी ऐसे लोगों की गिरी हुई हरकतों से हीन हो जाये, चाहे वो मिशनरीज़ में होने वाले कुकर्म हों या चर्च में होने वाले बलात्कार, चाहे वो मदरसों में होने वाला यौन शोषण हो या किसी बाबा की गुफा में होने वाला चमत्कार, ये व्यक्तिगत अपराध है और अपराधी को सजा मिलनी चाहिए। किन्तु कुछ स्वयंभू आचार्य प्रमोद किशन या स्वामी अग्निवेश जैसे लोग भी हैं जो धर्म का लबादा ओढ़ कर अपनी राजनितिक महत्वकांगशा के लिए धर्म को गाली देना, देशद्रोहियों का समर्थन करना, और अनर्गल राजनितिक बयानबाज़ी करके अपने ओछे होने का उदाहरण देते हैं, लोगों की धार्मिक भावनाओं को ढेस पहुंचाते हैं तो लोगों को गुस्सा होना भी जायज़ है, और मैं तो कहता हूँ ऐसे लोगों का भांडाफोड़ होना चाहिए और लगे हाथों पिटाई भी ताकि उनके "अहम् ब्रह्म अस्मि" वाला अहंकार की चूर चूर हो जाए.....