बधाई, हम दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गए हैं, युद्ध के तीनों आयामों से आगे चलते हुए भारत ने अंतरिक्ष युद्ध मे भी अपनी मारक क्षमता का सटीक परिचय दे दिया है, हमारी A-SET मिसाइल अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर ऊपर किसी भी जासूसी उपग्रह को तबाह कर सकता है, महत्वपूर्ण ये है की भारत ने ये उपलब्धि पहली बार में ही हांसिल की है, अन्य देशो ने अनेक असफल प्रयासों के बाद सफलता पायी, ये आने वाले समय के युद्ध की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए किया गया काम है और ये संभव हुआ हमारे रक्षा अनुसंधान DRDO एवं ISRO के सहयोग से, और एक कुशल, नीतिगत निर्णय से, वैसे 2012 में भी मनमोहन सिंह की सरकार के समय इस प्रोजेक्ट की अनुमति मांगी गई थी किन्तु उनसे ऊपर होते हुए कांग्रेसियों की महामाहिम ने इसे नकार दिया और सुरक्षा की सामरिक दृष्टि से देश को गर्त में धकेल दिया, हाँ वैसे कांग्रेसी चाहे तो इसका श्रेय नेहरू जी को दे सकते हैं क्योंकि ISRO उन्होंने ही स्थापित किया था। चलो खैर इस साहसिक कदम के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों, रक्षा अनुसंधानों एवं कुशल नेतृत्व को प्रणाम, और 1 घंटे के लिए दिलो की धड़कनों को बढ़ाने के लिए भी मोदी जी का आभार, पता नही विपक्ष, कांग्रेसियों, केजरीवाल और पाकिस्तानियो का क्या हाल हुआ होगा...
29 मार्च, 2019
20 मार्च, 2019
चुनावी मौसम की रंगत
आज सुबह पार्क में घूमने के बाद हम कुछ मित्र आपस मे बात कर रहे थे तो एक जनाब बोले, चुनाव की तारीखें घोषित हो गयी हैं तो सोच समझ के वोट देना.. मैंने कहा, बिल्कुल हम तो राष्ट्रहित में ही वोट करेंगे, वो बोले, अच्छा मोदी भक्त हो, मैंने कहा, यानी आप भी ये मानते हो कि केवल मोदी और उसके भक्त ही राष्ट्रहित की बात करते हैं, वैसे आप कौन से वाले चमचे हो ? बिदक गए जनाब, कहा, हम कांग्रेसी नही, वो तो भाजपा से मिली हुई है, हम तो आपिये हैं। मैंने कहा, कांग्रेसी तो चमचे हैं लेकिन आपिये तो बेचारे प्लास्टिक के डिस्पोसेबल चमचे हैं जिनको इस्तेमाल के वाद तोड़ के फैंक दिया जाता है, ये तो साले रीसायकल के लायक भी नही रहते... जनाब और ज़्यादा बिदक गए, लगे वही हमने स्कूल बनवाये, हॉस्पिटल बनवाये, बिजली हाफ पानी माफ वगैहरा वगैहरा, तो फिर हम भी तो एक फ़क़ीर के भक्त है, खोला अपना पिटारा और दिखा दिए सवूत, अब ये तो आंकड़े है, कागज़ हैं, फोटो है, सच्चाई है, जनाब लगे बगलें झांकने, सिट्टी पिट्टी गुम औऱ सदमे में बड़बड़ाना शुरू, ओर फिर कांग्रेसी व आपिये के गठबंधन का समावेश करते हुए 15 लाख, राफाल और सेना पर सवाल, तो करो ना भाई, सवूत तो यहाँ भी है, दे मारे.. तभी अचानक उनके फ़ोन की घंटी बजी, बात की, और जनाब बीवी का फ़ोन आने की कहकर खींसे निपोरते हुए निकल लिए... ज़रूरी तो नही राष्ट्रहित के लिए आप पड़ोसी दुश्मन से ही लड़ो, उसके लिए तो हमारी सेना है लेकिन घर मे वैठे भटके हुए नौजवानों को रास्ते पर लाना तो हमारा ही काम है, बातों से मान गए तो ठीक नही तो सर्जिकल स्ट्राइक...
08 मार्च, 2019
मुफ्त का धनिया
देश आतंकवाद से त्रस्त है, सैकड़ों निर्दोष इसका शिकार हुए हैं, हमारी सेना ने सालों तक अपने हाथ बांध कर इसका सामना किया, आरोप झेले, शहादत दी पर उफ्फ तक नही की। बड़े हमले हुए, आतंकी हमारे घरों तक घुस आए, लेकिन हमने सिर्फ अपने बचने की दुआ मांगी और सैनिकों की शहादत पर मोमबत्तियां जलायीं, पल भर की देशभक्ति जागी, वन्दे मातरम.. भारत माता की जय.. जय हिंद के नारे लगाए, चाय समोसा खाये, हाथ झाड़े और अपने सुरक्षित घरों में वापस आ गए, पल भर के लिए हिन्दू, मुसलमान, जाट गुर्जर, सवर्ण दलित, उत्तर भारत दक्षिण भारत सब एक हो गया। अच्छा लगा.. और फिर आया सबूत का कीड़ा, जो सब किये कराए पर पानी फेर देता है, जो काटता है, ज़हर उगलता है, पीड़ा देता है और फिर ज़ख्म का नासूर बना देता है। ये राजनीति भी बड़ी कुत्ती चीज़ है, किसी की सगी नही होती, निहित स्वार्थ राष्ट्रहित से भी ऊपर और अवसरवादिता शहादत के सीने पर पैर रख कर सफलता की सीढ़ी बनती है, हमारे स्वाभिमान और अस्मिता को कुचलने वाले दुश्मन से भी गलबहियां की जाती है, अपनी ही सरकार, सेना और सुरक्षा प्रणाली से सवाल किया जाता है, उनकी गरिमा को चोट पहुंचाई जाती है, उनके सामर्थ्य पर प्रश्नचिन्ह लगाया जाता है। और देश की जनता किंकर्तव्यविमूढ़ सी असमंजस की स्थिति में ठगी सी रह जाती है, किन्तु जनता की भी अपनी मजबूरी है, भक्ति और चमचागिरी की भी अपनी एक मजबूरी है और वैसे भी जनता का क्या है उसे तो बस सब्ज़ी के साथ धनिया मुफ्त मिलना चाहिए...
06 मार्च, 2019
पाकिस्तान का आतंकवाद
जैश ए मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर भारत मे संसद पर हुए हमले, जम्मू कश्मीर विधानसभा, पठानकोट एयर बेस, और पुलवामा जैसे बड़े हमलों का दोषी अब पाकिस्तान के गले की हड्डी बन चुका है, पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किये गए हवाई हमले में इसके भी मारे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं, दरअसल पुलवामा के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक सर्जिकल स्ट्राइक का डर सता रहा था तो पाकिस्तान ने अपने सभी आतंकी कैंपो से आतंकियों को उनके हेड क्वार्टर बालाकोट में इक्कट्ठा कर दिया जिसके फायदा भारतीय वायुसेना ने उठाते हुए हवाई हमले करके लगभग 250 आतंकियों को एक ही जगह एक साथ मार गिराया जिसकी पाकिस्तान ने कल्पना भी नही की थी, इन मारने वालों में जैश के टॉप कमांडर और ट्रेनर भी शामिल थे। अब इस युद्ध की स्थिति औऱ माहौल में अंतराष्ट्रीय दबाव के चलते मसूद अजहर को आतंकी घोषित करके भारत को सौंपने का चक्रव्यूह रचा जा रहा है, अब समजो इसके दूसरे पहलू को, यदि पाकिस्तान ये स्वीकार करता है कि मसूद अजहर हवाई हमले में मारा गया तो ये ओसामा बिन लादेन की मौत की तरह भारत की एक बहुत बड़ी जीत मानी जायेगी, अगर उसे भारत को सौंपना पड़ा तो भी ये भारत की एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जाएगा, इसलिए अचानक उसके बहुत बीमार होने की थ्योरी रची गयी और उसको एक हस्पताल में सेना की निगरानी में होने की बात कही गयी, ताकि ज़रूरत पड़ने पर उसको बीमारी से हुई मौत कहकर पल्ला झाड़ा जा सके और पाकिस्तान इसका श्रेय भारत और मोदी सरकार को ना मिलने दे जिसका असर आने वाले चुनावों पर पड़ सकता है, ना तो वो उन 250 आतंकियों को मौत को स्वीकार कर सकता है, क्योंकि ऐसा करना उस पर इतने आतंकियों को पनाह देने का सीधा आरोप सिद्ध करता है, वैसे भी सिर्फ एक मसूद अजहर ही नही बल्कि हाफिज सईद, सईद सलाउद्दीन भी तो हैं, और फिर दाऊद भी तो था, ये भी वही थ्योरी है जो मैंने कुछ महीने पहले दाऊद के मरने की बात कही थी, यानी अगर पाकिस्तान दाऊद की मौत नकारता है तो उसे भी पाकिस्तान को भारत को सौंपना पड़ेगा और उसकी मौत स्वीकारता है तो साबित होगा कि दाऊद पाकिस्तान में उसकी पनाह में था... चलो अब जो भी है निष्कर्ष ये है कि पाकिस्तान एक विकट परिस्तिथि में है, F16 को लेकर अमेरिका और जॉर्डन का दबाव, बदहाल अर्थव्यस्था और अब कंगाली में आटा गीला.. वैसे आज महाशिवरात्रि है, और मोदी परम शिवभक्त, क्या पता कृपा हो जाये और आज रात ही तांडव भी हो ही जाए, भगवान भोलेनाथ कृपा करें...
18 फ़रवरी, 2019
पुलवामा आतंकी हमला ( #Pulwama )
कश्मीर में CRPF पर आतंकी हमला हुआ तो एक मित्र ने कहा कि अब तो पाकिस्तान से लड़ाई छिड ही जानी चाहिये.... मेने कहा कि दाल फ्राई और पनीर पसंदा खाने वाले युद्ध नही लडा करते भाई.. दाल तेल प्याज और टमाटर महँगा हो जाने पर विरोध करने वाले लोग युद्ध नहीं लड़ सकते बल्कि युद्ध वो लडते है जो बर्फ से ढके पहाड़, बंजर घाटियां, वीरान रेगिस्तान की भी हर एक इंच ज़मीन को अपनी माँ समझते हैं.... वो परिवार जो अपना इकलौता बेटा शहीद होने पर गर्व महसूस करते हैं, एक बेटा शहीद होने पर भी अपने पोते को फौजी बनाने का सपना देखते हैं... हम जैसे कायरों में ये हिम्मत कहाँ, हम तो देश की बर्बादी का नारा लगाने वालों तक का कुछ नहीं बिगाड़ पाते बल्कि कुछ मौकापरस्त उनके लिए भी एकजुट हो जाते हैं, उसमे में भी राजनीतिक नफा नुकसान देखा जाता है, कुछ लोग तो दुश्मन के गले लग कर जीवे जीवे मेरा यार जीवे के कसीदे पढ़ते हैं, शहादत की कीमतें लगाई जाती हैं मेरे दोस्त, कैंडल मार्च निकाले जाते हैं और फिर सेल्फियां खींची जाती हैं, फिर चाय समोसे खाये हाथ झाड़े और हो गयी श्रद्धांजलि, जिस तिरंगे को हाथ मे लेकर नारे लग रहे थे, वो वहीं चाय के झूठे कपों के बीच शर्मिंदगी से पड़ा रह जाता है, हम युद्ध लड़ेंगे ? भाई हम तो सिर्फ सोशल मीडिया के शेर है, हम तो यहीं घर बैठे दुश्मन की माँ बहन एक करने का हौसला रखते हैं, हमे राफाल की ज़रूरत कहाँ, हम तो बातों की हवाबाजी से ही दुश्मन के दांत खट्टे कर सकते हैं... एक सिपाही बनने के लिए नाज़ुक दिल नही, कलेजा चाहिए, दिल और दिमाग से लड़ने वाले सिपाही नही होते, हिम्मत और जूनून चाहिए, वो हममें कहाँ... चल भाई आज रविवार है, घर के कुछ काम कर ले, बाज़ार से सामान लाना होगा, बच्चों को घुमाने ले जाना होगा, वीकेंड है, फ़िल्म देखनी होगी.. शायद URI.. और फिर नारा लगाना होगा.. Howz the Josh.. High Sir..
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