03 अप्रैल, 2019

मैं भी चौकीदार हूँ

एक #सिपाही, इस देश का प्रहरी है, इस देश और देशवासियों का रक्षक है, हमारी सीमाओं का #चौकीदार है, एक पुलिस अफसर हमारा और हमारे समाज का प्रहरी, रक्षक एवं चौकीदार है, एक नेता हमारे #संविधान, हमारे देश के कार्य तंत्र के रक्षक है, चौकीदार हैं, और मैं, चौकीदार हूँ अपने घर का, अपने #परिवार का, अपने #समाज का, अपने #धर्म का और अपने #देशका... मैं दो कौड़ी का आदमी नही हूँ, मैं अपनी कीमत जानता हूँ, अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझता हूँ, अपने #स्वाभिमान के साथ जीता हूँ, मैं अपना देश बेचने वालों पर नज़र रखता हूँ, मैं भ्रष्टाचारियों, कालाबाज़ारियों और आपराधिक प्रवर्ति के लोगो पर नज़र रखता हूँ, मैं अपने धर्म, अपने समाज, अपने परिवार के खिलाफ उठने वालों से उनकी रक्षा करता हूँ... मैं सजग हूँ, सक्षम हूँ, मजबूत हूँ, हाँ.. मैं भी चौकीदार हूँ...

30 मार्च, 2019

भारत के पञ्च तत्व

जब हम सृष्टि की बात करते है या इंसान की बात करते हैं तो पंच मूलभूत तत्वों की बात होती है, #पृथ्वी#अग्नि#जल#वायु और #आकाश। इनमें से किसी भी तत्व की अनदेखी या कमी सृष्टि में असंतुलन पैदा करती है। हमारे देश मे भी यही सब था, आज #मोदी जी की दूरगामी सोच और कुशल क्षमता के चलते हमने इन सभी आयामो को छुआ है और इनका संतुलन बनाने का प्रयास किया है। पृथ्वी तत्व के अंतर्गत उनके चलाये #स्वच्छताअभियान ने इस धरा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाया, जगह जगह #शौचालयबनवाये, एवं स्वच्छता को लेकर हमारी सोच को बदला, देश आज आधुनिक सोच के साथ आधुनिक निर्माण जिनमे #सड़के#हस्पताल#शिक्षणसंस्थान, का निर्माण किया जा रहा है, अग्नि तत्व के चलते उन्होंने #रिन्यूएबलएनर्जी पर फोकस किया, सूर्य के ताप को #सोलरएनर्जी प्लांट्स लगाकर उससे बिजली आपूर्ति की, जिस देश मे घंटो घंटो बिजली का इंतज़ार करना पड़ता था, यहां करोड़ो लोग इस 21 वी शताब्दी में भी #बिजली से वंचित थे वो सभी आज उसका लाभ ले रहे है और आज देश जापान और रशिया को भी पीछे छोड़ कर तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक देश बन गया है। और इसके अलावा 9 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन दिए गए, उन घरों को जहां आज भी परंपरागत तरीके से लकड़ियां जलाकर ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता था। अब तीसरा तत्व है जल, मोदी जी ने जीवनदायिनी #गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने का बीड़ा उठाया, पुराने इतिहास में किसी भी सभ्यता को देखो सभी का सृजन किसी ना किसी नदी के किनारे हुआ, किन्तु आज ये नदियां हमारे सीवर सिस्टम के समतुल्य हो गयी थीं, इनको साफ करने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए, गंगा किनारे से सभी औद्योगिक इकाइयों को बंद करके शिफ्ट किया गया, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाए गए, मछली पालन को बढ़ावा दिया गया और इसका दूसरा पहलू की जल संसाधनो का इस्तेमाल करके #जलमार्ग बनाये गए, जिसके द्वारा जल यातायात की शुरुआत की गई। अब चौथा तत्व है वायु, इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए किए गए सकारात्मक उपाय, प्लास्टिक कचरे से हाईवे बनाना, हर हाईवे निर्माण के साथ करोड़ो वृक्ष लगाना, धूल और धुएं से निजात पाने के प्रयासों से वायु की शुद्धता बढ़ाना, इसके लिए तो अभी हाल ही में मोदी जी को #संयुक्तराष्ट्रका #विश्व #पर्यावरण पुरुस्कार भी मिला है। अब बात पांचवे तत्व की यानी आकाश, अंतरिक्ष मे हाल ही में हुए कारनामे से आज दुनिया नतमस्तक है, हमारी पहुच अंतरिक्ष मे मंगल से लेकर अमंगल तक है, हम शांति का संदेश देते हुए आधुनिक संचार प्रणाली से युक्त उपग्रह #अंतरिक्ष मे स्थापित भी करते हैं, औऱ दुश्मन के जासूसी उपग्रह को नष्ट करने की क्षमता भी। यही पांचों तत्वों से लैस आज हमारी सैन्य क्षमता हमारी #पंचमुखीसुरक्षा से लगी है, आज #सेना सक्षम है, #जल में, #थल में, #नभ में, #अंतरिक्ष में और वर्चुअल वर्ल्ड में कहीं भी दुश्मन को परस्त करने में। ये है कुशल नेतृत्व, दूरगामी सोच, निर्णायक क्षमता, कुशाग्र बुद्धि एवं #राष्ट्रहित की सोच का परिणाम।

29 मार्च, 2019

भारत अब अंतरिक्ष युद्ध प्रणाली से युक्त हुआ

बधाई, हम दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गए हैं, युद्ध के तीनों आयामों से आगे चलते हुए भारत ने अंतरिक्ष युद्ध मे भी अपनी मारक क्षमता का सटीक परिचय दे दिया है, हमारी A-SET मिसाइल अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर ऊपर किसी भी जासूसी उपग्रह को तबाह कर सकता है, महत्वपूर्ण ये है की भारत ने ये उपलब्धि पहली बार में ही हांसिल की है, अन्य देशो ने अनेक असफल प्रयासों के बाद सफलता पायी, ये आने वाले समय के युद्ध की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए किया गया काम है और ये संभव हुआ हमारे रक्षा अनुसंधान DRDO एवं ISRO के सहयोग से, और एक कुशल, नीतिगत निर्णय से, वैसे 2012 में भी मनमोहन सिंह की सरकार के समय इस प्रोजेक्ट की अनुमति मांगी गई थी किन्तु उनसे ऊपर होते हुए कांग्रेसियों की महामाहिम ने इसे नकार दिया और सुरक्षा की सामरिक दृष्टि से देश को गर्त में धकेल दिया, हाँ वैसे कांग्रेसी चाहे तो इसका श्रेय नेहरू जी को दे सकते हैं क्योंकि ISRO उन्होंने ही स्थापित किया था। चलो खैर इस साहसिक कदम के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों, रक्षा अनुसंधानों एवं कुशल नेतृत्व को प्रणाम, और 1 घंटे के लिए दिलो की धड़कनों को बढ़ाने के लिए भी मोदी जी का आभार, पता नही विपक्ष, कांग्रेसियों, केजरीवाल और पाकिस्तानियो का क्या हाल हुआ होगा...

20 मार्च, 2019

चुनावी मौसम की रंगत

आज सुबह पार्क में घूमने के बाद हम कुछ मित्र आपस मे बात कर रहे थे तो एक जनाब बोले, चुनाव की तारीखें घोषित हो गयी हैं तो सोच समझ के वोट देना.. मैंने कहा, बिल्कुल हम तो राष्ट्रहित में ही वोट करेंगे, वो बोले, अच्छा मोदी भक्त हो, मैंने कहा, यानी आप भी ये मानते हो कि केवल मोदी और उसके भक्त ही राष्ट्रहित की बात करते हैं, वैसे आप कौन से वाले चमचे हो ? बिदक गए जनाब, कहा, हम कांग्रेसी नही, वो तो भाजपा से मिली हुई है, हम तो आपिये हैं। मैंने कहा, कांग्रेसी तो चमचे हैं लेकिन आपिये तो बेचारे प्लास्टिक के डिस्पोसेबल चमचे हैं जिनको इस्तेमाल के वाद तोड़ के फैंक दिया जाता है, ये तो साले रीसायकल के लायक भी नही रहते... जनाब और ज़्यादा बिदक गए, लगे वही हमने स्कूल बनवाये, हॉस्पिटल बनवाये, बिजली हाफ पानी माफ वगैहरा वगैहरा, तो फिर हम भी तो एक फ़क़ीर के भक्त है, खोला अपना पिटारा और दिखा दिए सवूत, अब ये तो आंकड़े है, कागज़ हैं, फोटो है, सच्चाई है, जनाब लगे बगलें झांकने, सिट्टी पिट्टी गुम औऱ सदमे में बड़बड़ाना शुरू, ओर फिर कांग्रेसी व आपिये के गठबंधन का समावेश करते हुए 15 लाख, राफाल और सेना पर सवाल, तो करो ना भाई, सवूत तो यहाँ भी है, दे मारे.. तभी अचानक उनके फ़ोन की घंटी बजी, बात की, और जनाब बीवी का फ़ोन आने की कहकर खींसे निपोरते हुए निकल लिए... ज़रूरी तो नही राष्ट्रहित के लिए आप पड़ोसी दुश्मन से ही लड़ो, उसके लिए तो हमारी सेना है लेकिन घर मे वैठे भटके हुए नौजवानों को रास्ते पर लाना तो हमारा ही काम है, बातों से मान गए तो ठीक नही तो सर्जिकल स्ट्राइक...

08 मार्च, 2019

मुफ्त का धनिया

देश आतंकवाद से त्रस्त है, सैकड़ों निर्दोष इसका शिकार हुए हैं, हमारी सेना ने सालों तक अपने हाथ बांध कर इसका सामना किया, आरोप झेले, शहादत दी पर उफ्फ तक नही की। बड़े हमले हुए, आतंकी हमारे घरों तक घुस आए, लेकिन हमने सिर्फ अपने बचने की दुआ मांगी और सैनिकों की शहादत पर मोमबत्तियां जलायीं, पल भर की देशभक्ति जागी, वन्दे मातरम.. भारत माता की जय.. जय हिंद के नारे लगाए, चाय समोसा खाये, हाथ झाड़े और अपने सुरक्षित घरों में वापस आ गए, पल भर के लिए हिन्दू, मुसलमान, जाट गुर्जर, सवर्ण दलित, उत्तर भारत दक्षिण भारत सब एक हो गया। अच्छा लगा.. और फिर आया सबूत का कीड़ा, जो सब किये कराए पर पानी फेर देता है, जो काटता है, ज़हर उगलता है, पीड़ा देता है और फिर ज़ख्म का नासूर बना देता है। ये राजनीति भी बड़ी कुत्ती चीज़ है, किसी की सगी नही होती, निहित स्वार्थ राष्ट्रहित से भी ऊपर और अवसरवादिता शहादत के सीने पर पैर रख कर सफलता की सीढ़ी बनती है, हमारे स्वाभिमान और अस्मिता को कुचलने वाले दुश्मन से भी गलबहियां की जाती है, अपनी ही सरकार, सेना और सुरक्षा प्रणाली से सवाल किया जाता है, उनकी गरिमा को चोट पहुंचाई जाती है, उनके सामर्थ्य पर प्रश्नचिन्ह लगाया जाता है। और देश की जनता किंकर्तव्यविमूढ़ सी असमंजस की स्थिति में ठगी सी रह जाती है, किन्तु जनता की भी अपनी मजबूरी है, भक्ति और चमचागिरी की भी अपनी एक मजबूरी है और वैसे भी जनता का क्या है उसे तो बस सब्ज़ी के साथ धनिया मुफ्त मिलना चाहिए...