जब हम सृष्टि की बात करते है या इंसान की बात करते हैं तो पंच मूलभूत तत्वों की बात होती है, #पृथ्वी, #अग्नि, #जल, #वायु और #आकाश। इनमें से किसी भी तत्व की अनदेखी या कमी सृष्टि में असंतुलन पैदा करती है। हमारे देश मे भी यही सब था, आज #मोदी जी की दूरगामी सोच और कुशल क्षमता के चलते हमने इन सभी आयामो को छुआ है और इनका संतुलन बनाने का प्रयास किया है। पृथ्वी तत्व के अंतर्गत उनके चलाये #स्वच्छताअभियान ने इस धरा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाया, जगह जगह #शौचालयबनवाये, एवं स्वच्छता को लेकर हमारी सोच को बदला, देश आज आधुनिक सोच के साथ आधुनिक निर्माण जिनमे #सड़के, #हस्पताल, #शिक्षणसंस्थान, का निर्माण किया जा रहा है, अग्नि तत्व के चलते उन्होंने #रिन्यूएबलएनर्जी पर फोकस किया, सूर्य के ताप को #सोलरएनर्जी प्लांट्स लगाकर उससे बिजली आपूर्ति की, जिस देश मे घंटो घंटो बिजली का इंतज़ार करना पड़ता था, यहां करोड़ो लोग इस 21 वी शताब्दी में भी #बिजली से वंचित थे वो सभी आज उसका लाभ ले रहे है और आज देश जापान और रशिया को भी पीछे छोड़ कर तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक देश बन गया है। और इसके अलावा 9 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन दिए गए, उन घरों को जहां आज भी परंपरागत तरीके से लकड़ियां जलाकर ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता था। अब तीसरा तत्व है जल, मोदी जी ने जीवनदायिनी #गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने का बीड़ा उठाया, पुराने इतिहास में किसी भी सभ्यता को देखो सभी का सृजन किसी ना किसी नदी के किनारे हुआ, किन्तु आज ये नदियां हमारे सीवर सिस्टम के समतुल्य हो गयी थीं, इनको साफ करने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए, गंगा किनारे से सभी औद्योगिक इकाइयों को बंद करके शिफ्ट किया गया, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाए गए, मछली पालन को बढ़ावा दिया गया और इसका दूसरा पहलू की जल संसाधनो का इस्तेमाल करके #जलमार्ग बनाये गए, जिसके द्वारा जल यातायात की शुरुआत की गई। अब चौथा तत्व है वायु, इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए किए गए सकारात्मक उपाय, प्लास्टिक कचरे से हाईवे बनाना, हर हाईवे निर्माण के साथ करोड़ो वृक्ष लगाना, धूल और धुएं से निजात पाने के प्रयासों से वायु की शुद्धता बढ़ाना, इसके लिए तो अभी हाल ही में मोदी जी को #संयुक्तराष्ट्रका #विश्व #पर्यावरण पुरुस्कार भी मिला है। अब बात पांचवे तत्व की यानी आकाश, अंतरिक्ष मे हाल ही में हुए कारनामे से आज दुनिया नतमस्तक है, हमारी पहुच अंतरिक्ष मे मंगल से लेकर अमंगल तक है, हम शांति का संदेश देते हुए आधुनिक संचार प्रणाली से युक्त उपग्रह #अंतरिक्ष मे स्थापित भी करते हैं, औऱ दुश्मन के जासूसी उपग्रह को नष्ट करने की क्षमता भी। यही पांचों तत्वों से लैस आज हमारी सैन्य क्षमता हमारी #पंचमुखीसुरक्षा से लगी है, आज #सेना सक्षम है, #जल में, #थल में, #नभ में, #अंतरिक्ष में और वर्चुअल वर्ल्ड में कहीं भी दुश्मन को परस्त करने में। ये है कुशल नेतृत्व, दूरगामी सोच, निर्णायक क्षमता, कुशाग्र बुद्धि एवं #राष्ट्रहित की सोच का परिणाम।