25 जनवरी, 2019

नरेन्द्र मोदी का हिंदुत्व

ये ख़ास तौर से उनके लिए जो मोदी जी को कोसते हैं कि हिंदू धर्म के लिए कुछ नही किया उन लोगो को समझना होगा जो अब भी राम मंदिर को मुद्दा मान उलझे हुए है।राम मंदिर तो आखिरी हथियार है लेकिन मुझे नहीं लगता मोदी जी अपने स्वार्थ के लिए इस ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करेंगे..क्यूँकी मैंने कभी मोदी जी को धर्म, जाती और तुष्टिकरण की राजनीति करते नहीं देखा है.... आज तथाकथित सेक्युलर लोग, पादरी, मौलाना, और हिन्दू भी मोदी से खफा है, कुछ को तो मोदी ने इस कदर खफा किया है कि उनको मौका मिलते ही बदला जरूर लेंगे। इनकी लूट चोरी 4 सालो से बंद पड़ी है सोचिए दुबारा सत्ता और पॉवर में आते ही ऐसे लोगो का सर्वप्रथम कार्य क्या होगा??? और प्राथमिकता क्या होगी??? पहला कार्य जो धन लुट चुका है मोदी को हराने के लिए पहले दुबारा उसको इकट्ठा करना, दूसरा कार्य बदला लेना... ऐसे हजारों एनजीओ बंद करवाना हिंदुत्व के लिए कार्य करना नहीं होता क्या जो हिंदुओ के खिलाफ विदेशी फंड पर कार्य कर रहे थे? विदेशो से आए पादरियों जो टूरिस्ट वीज़ा पर देश में धर्मांतरण करवाते थे उनको ब्लैक लिस्ट कर वापस भेजना हिंदुत्व नहीं है ? आज कुछ धर्म मुस्लिम और ईसाई खास कर मोदी से खफा है... इसका मतलब साफ़ है कि जरूर मोदी जी ने इनके पेंच टाईट किए है... ये लोग जो करते थे वो अब करने मै दिक्कत हो रही है, अब ये धर्म की आड़ में धर्मांतरण और अपना धंधा नहीं चला पा रहे है... और भी बहुत कुछ है जो आप और हम जो सोशल मीडिया पर रहते है उनको ना पता हो पर व्हाट्सअप वालों को पता है और वो बहुत खुश हैं। जानते हैं कि उन्हें क्या क्या पता है ?? कई दिनों से "तथाकथित" हिन्दू राष्ट्र्वादी ग्रुप के एक धड़े ने मोदी के खिलाफ एक अघोषित केम्पेन सा चला रखा है। ये लोग काफी ज्ञानी और खुद को हिंदुत्व का सबसे बड़ा पुरोधा समझते है। इन सभी को बस यही लगता कि इन्होंने मोदी सरकार बनवायी थी और वो भी सिर्फ इस लिए की मोदी सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व के लिए ही काम करेंगे और न ही वो विकास करेंगे न ही वो किसी दूसरे धर्म के त्योहारों पर बधाई देंगे। और बस 5 साल में देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देंगे तो इस देश की सभी समस्याओं का अंत अपने आप हो जाएगा। और इससे थोड़ा आगे बढ़ते है तो ये पाते है कि मोदी सरकार ने 4 साल में हिंदुत्व के लिए कुछ भी नही किया बल्कि हिंदुत्व के खिलाफ ही काम किया है। इनकी पोस्टो में न तो किसी भी विकास कार्य का जिक्र होगा कभी न ही ऐसे कार्य का जिक्र होगा जिसके केंद्र में हिन्दू हो। उल्टा ये लोग सिरे से इसे इग्नोर करके पुरानी कहानियों के आधार पर इसका सिरा दूसरे से जोड़ कर वर्तमान की घटनाओं को अपने नजरिये से न्यायसंगत बनाने की कोशिश करते रहते हैं। वैसे मोदी ने जो कार्य हिंदुत्व हित मे किये वो इन कार्यो पर हमेशा मौन ही रहे है और मौन रहेंगे आगे भी क्योकि इन्हें सिर्फ विरोध करना ही रह गया है। मोदी सरकार और दूसरी BJP की सरकारों ने जो हिन्दू हितों में काम किये वो आपको ढूंढने पर कहीं न कहीं मिल ही जायँगे । लिस्ट बहुत लंबी है लिखूंगा तो पोस्ट बड़ी हो जाएगी और फिर कोई पढ़ेगा नही, खैर ज़रूरी लगे तो मांग लेना वो सब भी लिख दूंगा...

21 जनवरी, 2019

नरेन्द्र मोदी क्यों ? (Why #Modi Again)

सोचो अगर अचानक 1 करोड़ लोग हमारे बॉर्डर पर अचानक हमला कर दें तो क्या होगा, क्या हमारी सेना उन्हें रोक पाएगी ? क्या कोई बम या बंदूक उन्हें रोक पाएगी ? ये सच है और ऐसा होने जा रहा है। आज पाकिस्तान की बर्बादी की कहानी लिखी जा चुकी है, उसकी अर्थव्यस्था चरमरा चुकी है, दूध ब्रेड तक के लिए लोगों के पास पैसा नही बचा है, ऊपर से बढ़ती जनसंख्या का दबाव इसे एक पोटेंशियल बम बना रहा है जो कभी भी फट सकता है। आने वाले 7-8 महीने हमारे लिए बहुत ही घातक है, क्यों ? क्योंकि हमारे देश मे लोकसभा चुनाव है और उसका सीधा असर पाकिस्तान की आज की स्तिथि भी निर्धारित करेगा, विपक्ष का गठबंधन प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से पाकिस्तान के सहयोग से इस चुनाव को अव्यवस्थित करना चाहता है, क्योंकि पाकिस्तान को भी पता है कि विपक्ष की जीत में उसका अस्तित्व है तो वो भी बची खुची ताकत से लगा हुआ है। ऊपर से हाफिज सईद ओर लखवी जैसे आतंकी पाकिस्तान में ये भृम फैला रहे हैं कि उनकी बर्बादी का कारण भारत है तो चढ़ जाओ भारत पे और अपना हक छीन लो, चूंकि पाकिस्तानियों को भी अब देश छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ रहा है तो वो दूसरी तरफ अफगानिस्तान की तरफ ना जाकर भारत की तरफ ही भागेंगे, और जो रईस पाकिस्तानी है वो या तो पश्चिमी देशों की तरफ जाएंगे या फिर खाली होते पाकिस्तान को कब्जाएँगे। तो अब इसका हल क्या है ? क्या लगता है कि इसे कौन रोक सकता है, हमारा मजबूर ठग-बंधन या फिर एक वो मजबूत नेतृत्व जिसने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है, हमारी सेना को वो ताकत कौन दे सकता है ? इस बम को फूटने से कौन रोक सकता है ? क्या वो जो रोहिंज्ञाओं को देश मे बसाने की वकालत करते है और उनखे हक में देश के विरुद्ध लड़ते है ? या वो जो खुद पाकिस्तान जा कर उनसे अपने ही देश में अस्थिरता फ़ैलाने और सरकार को गिराने की गुहार लगाते हैं, गहराई से सोचिए.. व्यक्तिगत, जातिगत और पार्टीवाद के खिलाफ उस सक्षम व्यक्तित्व और नेतृत्व को देखिए जिसमे इस विकराल समस्या से लड़ने और उसका हल करने की क्षमता और ताकत है... नरेंद्र दामोदर दास मोदी..

15 दिसंबर, 2018

भक्तों की भक्ति

किसी ने कहा "और भक्तों कैसा लग रहा है" सच है, बुरा तो लग रहा है.. बुरा लगता है जब पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले जीत जाते है और भारत माता की जय कहने वालों से उनकी राष्ट्रभक्ति का प्रमाण मांगा जाता है, बुरा तो लगता है प्रभु श्री राम को काल्पनिक कहने वाले हमे जय श्री राम कहने पर साम्प्रदायिक कहते है और खुद राम राम करते चुनाव जीत जाते है, चलो माना भक्त हार गए.. लेकिन हार को स्वीकार तो किया, उसकी विवेचना तो की, अपने ही नेतृत्व से लड़े और उनसे सवाल तो किया, EVM का रोना तो नही रोया, बहानेबाजी तो नही की, इस जीत से ये मत समझना कि हम टूट गए, हम और मजबूत हुए, फिर खड़े हो गए अगली रणनीति के लिए, अपनी गलतियों से सीख कर उसमे सुधार करके फिर सामना करेंगे.. कांग्रेस कोई प्रचंड बहुमत से नही जीती के हम मुह बना कर बैठ जाएं, प्रिय कांग्रेस समर्थको हम बस घुटनो के बल गिरे हैं, मृत्यु नही हुई है हमारी, हम फिर से लड़ेंगे और इस बार अपनी सारी शक्तियों को एक जगह पर समेटकर फिर नकली शिवभक्तों को भक्त की असली ताकत दिखाएंगे.. "अब देखना चमचों"...

दिल्ली की मजबूरी

एक मित्र को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, आज कुछ किन्नर आये वहां नाचने, यूँ ही बात चल निकली तो मैंने पूछा क्यों करते हो ये सब, इमोशनल हो गए और कहा, ईश्वर की मार है हम खुद तो बच्चे पैदा कर नही सकते इसीलिए दूसरों की खुशी में खुश हो लेते है और चंदा भी मिल जाता है, मैंने कहा "चंदा" ? तो बोले अब साहब उगाही भी तो नही कह सकते, कोई मंथली थोड़ी है जो मन बेमन देनी ही पड़ेगी.. दूसरों की खुशियों में नाचते गाते है और चंदा मांग कर अपनी मंडली चलाते हैं.. मैंने कहा लेकिन तुम लोगों का तो एरिया होता है तो बोले नही साहब हम तो एरिया चला कर शो करते हैं और फिर बेच देते है, लेकिन दिल्ली में अपना फिक्स एरिया है, और फिर खर्चे भी तो बहुत सारे है, ये गहने, सजना संवरना, घूमना फिरना, बीमारी का इलाज करवाने बाहर भी जाना पड़ता है, वैसे तो हमारे पास अपना भी डॉक्टर है लेकिन हम कुछ खास गुप्त रोग के इलाज के लिए बाहर भी जाते है.. तो साहब इस सबके लिए चंदा तो ज़रूरी है ना... फिर पूछा लेकिन लोग तुम्हे पैसा क्यों दें तो बोले साहब बदले में हम कितने सपने, कितनी दुआएं और कुछ मुफ्त की सलाह भी तो देते है बस लोग उसी में खुश हो जाते हैं , मैंने कहा लेकिन अगर कोई ना दे तो ? वो बोले साहब फिर हम तो नंगे हैं ही, उसे ऐसा बदनाम कर देते हैं कि वो याद रखे और फिर वो दे दे तो माफी मांग लेते है ... मैंने उस बारे में गौर से सोचा फिर ध्यान आया कि ऐसा ही तो है हमारी राजनीति में.. लेकिन अब कृपया इसको केजरीवाल से मत जोड़ना, वो बेचारा तो बीवी वच्चों वाला "मर्द" है...

सरकार क्या है?

आम जनता के लिए सरकार क्या है? सरकार का मतलब है स्कूलों में अच्छा शिक्षा का स्तर, ठीक ठाक सड़क, हस्पताल में अच्छा एवं सस्ता इलाज, पीने का साफ पानी, तहसील-थाना में सुनवाई, ट्रैन में बैठने के लिए सीट व अन्य सुविधायें, पंचायत-न्यायालय में सस्ता न्याय, किसानों की तरक्की अच्छी सिंचाई व्यस्था और सबसे खास रोजगार समाचार में निकली भर्तियाँ और उनकी समय से भरपाई.. चमक धमक वाला फील गुड हिंदुस्तानी अवाम को समझ मे तब भी नहीं आया, अब भी नहीं आएगा.. मोबाइल पे सरकार लाने से ज्यादा जरूरी जमीन पर सरकार ले आना है.. एक तरफा रेडियो संवाद से ज्यादा जरूरी संवाद है.. वरना ये हिंदुस्तान है.. यहाँ पोखरण में भारत को परमाणु शक्ति बनाने वाले और कारगिल जिताने वालों को भी प्याज के दाम ने हराया है...